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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एक है और एक ही रहेगा-श्रीमहंत नरेंद्र गिरी

विक्की सैनी/ राकेश वालिया

हरिद्वार, 13 फरवरी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज ने प्रैस को जारी बयान में सभी तीनों बैरागी अनियों के अखाड़ा परिषद से अलग होने की घोषणा पर कहा है कि अखाड़ा परिषद से अलग होने का निर्णय लेने का अधिकार अखाड़ों के उन प्रतिनिधियों को होता है जो अखाड़ा परिषद के सदस्य होते हैं। अखाड़ों के संत या उनके प्रतिनिधियों को निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं होता। उन्होंने दावा किया कि तीनों बैरागी अनियों के अध्यक्ष से उनकी बात हो गई है और वह उनके साथ अखाड़ा परिषद में रहने की बात कर रहे हैं। बैरागी अखाड़ों की नाराजगी को जायज बताते हुए श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि बैरागी अखाड़ों के लिए कुंभ के निमित्त कोई भी कार्य मेला अधिष्ठान की ओर से अब तक नहीं कराया गया है। जबकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने काफी पहले ही इसके आदेश दे दिए थे। उन्होंने कहा कि हरिद्वार कुंभ के निमित्त बैरागी अखाड़ों के कार्यो को कराने के लिए राज्य सरकार की ओर से आवंटित धनराशि तीन से चार दिनों में अखाड़ों के खातों में पहुंच जाएगी। इस संदर्भ में उनकी मुख्यमंत्री से वार्ता हो गई है। उन्होंने कहा कि बैरागी अखाड़ों की ओर से उनके प्रतिनिधियों का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से अलग होने का ऐलान नाराजगी के आवेग में उठाया गया कदम था। यह क्षणिक आवेग था, स्थायित्व से इसका कोई लेना देना नहीं है। इसके निहितार्थ न निकाले जाएं। उन्होंने आरोप लगाया कि इसे लेकर भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। भ्रम फैलाया जा रहा है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एक है और एक ही रहेगा। उसमें कहीं दो फाड़ नहीं है। हरिद्वार कुंभ की ढीली व्यवस्थाओं से नाराज अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद माघी पूर्णिमा स्नान से पहले इस मुद्दे पर हरिद्वार में बड़ी बैठक करेगा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि हरिद्वार कुंभ को लेकर अधिकारियों में आत्मबल की कमी नजर आ रही है। लग रहा है कि वह कोरोना संक्रमण की आड़ में कुंभ कराने को तत्पर नहीं है। उन्होने आरोप लगाया कि हरिद्वार कुंभ को लेकर अभी तक मूलभूत व्यवस्थाएं भी नहीं की गई हैं। बैरागी कैंप क्षेत्र में बिजली पानी और सड़क जैसी सुविधा भी नहीं जुटाई गई है। अतिक्रमण भी नहीं हटवाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अखाड़ा परिषद में दो फाड़ नहीं हुआ है और सभी अखाड़े एक साथ हैं। तीनों बैरागी अणि भी अखाड़ा परिषद के साथ हैं। उन्होंने हरिद्वार कुंभ को लेकर क्रेंद्र सरकार की जारी एसओपी पर भी नाराजगी जताई कहा कि जब कुंभ में कथा प्रवचन नहीं होंगे तो फिर कुंभ कैसा। उन्होंने सरकार से अखाड़ा परिषद के साथ बैठक कर एसओपी में बदलाव की मांग भी की है।

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