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उत्तराखंड संस्कृत विवि में 17 साल बाद अस्तित्व में आई पुरातन छात्र समिति


-डॉ. शिवचरण नौटियाल बने पुरातन छात्र समिति के पहले अध्यक्ष

हरिद्वार, संवाददाता। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना के करीब 17 साल बाद विश्वविद्यालय में पुरातन छात्र समिति अस्तित्व में आई है। निबंधन कार्यालय रोशनाबाद में पुरातन छात्र समिति का पंजीकरण जुलाई 2028 तक के लिए कर दिया गया है। डॉ. शिवचरण नौटियाल को पुरातन छात्र समिति का पहला अध्यक्ष और चेतन शर्मा को पहला सचिव चुना गया है। पुरातन छात्र समिति को लेकर विश्वविद्यालय के शिक्षक और पूर्व छात्र लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे।उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में दिसंबर 2022 में पुरातन छात्र समिति की बैठक में डॉ. शिवचरण नौटियाल को पुरातन छात्र समिति का अध्यक्ष, कुलदीप भट्ट को उपाध्यक्ष, चेतन शर्मा को सचिव, वैशाली को कोषाध्यक्ष चुना गया था। जबकि डॉ. जनार्दन कैरवान और डॉ. नवीन पंत को पुरातन छात्र समिति में शिक्षक सदस्य और डॉ. राधेश्याम बहुखंडी को सदस्य चुना गया है। संस्कृत विवि में शिक्षक संघ के अध्यक्ष एवं पुरातन छात्र समिति के संयोजक डॉ. मनोज किशोर पंत ने बताया कि 21 दिसंबर 2022 को विश्वविद्यालय में आयोजित की गई बैठक में पुरातन छात्र समिति के पदाधिकारियों का सर्व सहमति से चयन किया गया था। जिसके बाद उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय पुरातन छात्र समिति की ओर से प्रस्ताव निबंधक कार्यालय रोशनाबाद को भेजा गया। निबंधक कार्यालय रोशनाबाद में पुरातन छात्र समिति का पंजीकरण 25 जुलाई 2028 तक के लिए कर लिया गया है। पुरातन छात्र समिति के अध्यक्ष डॉ. शिवचरण नौटियाल ने बताया कि उत्तराखंड राज्य सहित देश व विदेश में विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र-छात्राएं कार्यरत है। विवि के सभी पूर्व छात्रों को समिति से जोड़कर संस्कृत विवि और संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा एवं प्रोत्साहन देना समिति का प्रथम उद्देश्य होंगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री ने समस्त पुरातन छात्र समिति के पदाधिकारियों को बधाई दी है।

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