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राजसी अंदाज में निकली निंरजनी अखाड़े की पेशवाई श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर किया नागा सन्यासियों का स्वागत

विक्की सैनी

हरिद्वार, 3 मार्च। हरिद्वार में आयोजित हो रहे कुंभ में बुधवार को पहली पेशवाई निकाली गयी। तपोनिधि श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी व आनन्द अखाड़े के नागा सन्यासियों व संतों ने भव्य पेशवाई के रूप में निरंजनी अखाड़े की छावनी में प्रवेश किया। राजसी अंदाज में निकली पेशवाई में अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष व निंरजनी अखाड़े के श्रीमहंत नरेंद्र गिरी, निंरजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी, श्रीमहंत रामरतन गिरी, आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी सहित कई प्रमुख संत शामिल रहे। एसएमजेएन कालेज के मैदान में स्थित अस्थाई छावनी से भव्य रूप स निकाली गयी पेशवाई में शामिल नागा सन्यासियों का जगह जगह भव्य स्वागत किया गया। पेशवाई का शुभारंभ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ंिसंह रावत, केंद्रीय मंत्री महामण्डलेश्वर साध्वी निरंजन ज्योति, श्रीराम जन्म भूमि न्यास के सदस्य युगपुरूष स्वामी परमानन्द गिरी, जयराम पीठाधीश्वर स्वामी बह्मस्वरूप ब्रह्मचारी व निरंजनी व आनंद अखाड़े के संतों ने पूजा अर्चना के बाद पेशवाई का शुभारंभ किया। इस दौरान जिला अधिकारी सी.रविशंकर, मेला अधिकारी दीपक रावत, अपर मेला अधिकारी हरबीर ंिसह, एसएमजेएन कालेज से शुरू हुई पेशवाई शंकर आश्रम, सिंहद्वार, कनखल, शंकराचार्य चैक, तुलसी चैक, शिवमूर्ति होते हुए निंरजनी अखाड़े में जाकर संपन्न हुई।
पेशवाई में शामिल नागा सन्यासियों व संत महापुरूषों के दर्शन करने के लिए सड़क के दोनों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। संतों के दर्शन करने के लिए पूरे पेशवाई मार्ग पर छतों पर भी लोग जमा रहे। श्रद्धालुओं ने भक्ति और श्रद्धाभाव से सड़क के दोनों ओर खड़े होकर नागा संन्यासियों पर पुष्पवर्षा कर आशीर्वाद भी प्राप्त किया। पेशवाई पर पैरा ग्लाइडर से की जा रही पुष्पवर्षा शहरवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र रही।
पेशवाई में परम्परा के अनुसार हाथी, घोड़े और बैंड बाजों के साथ निरंजनी व आनन्द अखाड़े के आचार्य महाण्डलेश्वर, श्री महंत, महंत, महामंडलेश्वर और नागा साधुओं ने शिरकत की। पेशवाई में सबसे आगे अखाड़े की धर्म ध्वजा लहरा रही थी। धर्म ध्वजा के पीछे निरंजनी अखाड़े के आराध्य भगवान कार्तिकेय की पालकी चल रही थी। इसके पीछे नागा संन्यासी अपने अस्त्र-शस्त्रों के साथ पेशवाई के बीच में जगह-जगह रुककर युद्ध कौशल का प्रदर्शन कर रहे थे।
निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने बताया कि नागा सन्यासियों के अखाड़े की छावनी में प्रवेश के साथ कुंभ मेला संपन्न होने तक सभी संत छावनी में ही और कुंभ के दौरान पड़ने वाले प्रमुख स्नान पर्वों पर शाही स्नान करेंगे।
निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के लिए कुंभ मेला पुलिस द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। पेशवाई मार्ग पर पुलिस, पीएसी व रैपिड एक्शन फोस के जवानों को तैनात किया गया था। कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल, मेला एसएसपी जनमेजय खण्डूरी, जिले के पुलिस कप्तान सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारी खुद सुरक्षा इंतजामों की निगरानी में जुटे रहे।
पेशवाई में ये संत रहे शामिलः-म.म.संतोषी माता, श्रीमहंत लखनगिरी, श्रीमहंत दिनेश गिरी, श्रीमहंत ओंकार गिरी, महंत नरेश गिरी, श्रीमहंत सागरानंद सरस्वती, श्रीमहंत शंकरानंद सरस्वती, श्रीमहंत गिरजानंद सरस्वती, श्रीमहंत रामरतन गिरी, स्वामी आनन्द गिरी, महंत मनीष भारती, महंत राधेगिरी, स्वामी ललितानंद गिरी, महंत राजेंद्र भारती, महंत रामानंद पुरी, स्वामी चिदविलासानंद, दिगंबर गंगा गिरी, दिगंबर बलवीर पुरी, दिगंबर राजेश गिरी, महंत नीलकंठ गिरी, स्वामी आलोक गिरी, दिगंबर आशुतोष पुरी, स्वामी रघुवन, स्वामी रविवन, स्वामी मधुरवन, श्रीमहंत भैरो गिरी, श्रीहरि गोविंदपुरी, महंत केशवपुरी, दिगंबर राकेश गिरी, महंत सुखदेव पुरी, दिगंबर अमित पुरी सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष शामिल रहे।

संत समाज ने किया पेशवाई का भव्य स्वागत
भव्य रूप से निकाली गयी निरंजनी व आनन्द अखाड़े की पेशवाई का कनखल स्थित हरेराम आश्रम के समीप अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री जूना अखाड़े अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरी महाराज के नेतृत्व में भव्य स्वागत किया गया। पेशवाई में शामिल निंरजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी, आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी, निंरजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी, श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज व अन्य संतों का फूलमाला पहनाकर स्वागत करते हुए श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने कहा कि सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार में संत महापुरूषों की निर्णायक भूमिका होती है।

पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण, कोठारी महंत दामोदर दास, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत निर्मलदास, स्वामी ब्रह्स्वरूप ब्रह्मचारी, महंत बलवंत सिंह, श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह, महंत जसविन्दर सिंह, महंत अमनदीप सिंह, महंत रविन्द्रपुरी, मुखिया महंत भगतराम, जगतार मुनि, श्रीमहंत राजेंद्रदास, श्रीमहंत महंत धर्मदास, श्रीमहंत रामकिशनदास, महंत रामदास, महंत रामजीदास, महंत प्रहलाद दास, महंत राजेंद्र दास आदि संतों ने भी पेशवाई के कनखल पहुंचने पर भव्य स्वागत किया।

देश दुनिया में धर्म की पताका फहरा रहे हैं संत महापुरूष-स्वामी कैलाशानंद गिरी

हरिद्वार, 3 मार्च। पेशवाई का शुभारंभ करते हुए निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने सभी को शुभकामनाएं व आशीवर्चन देते हुए कहा कि पेशवाई में संत महापुरूषों के दर्शन श्रद्धालु भक्तों को आनन्दित करते हैं। धर्म की पताका को दुनिया में फहराने का विशेष महत्व संत महापुरूष निभाते चले आ रहे हैं। धार्मिक क्रियाकलाप ही हिंदू संस्कृति को दर्शाने का सबसे सशक्त माध्यम हैं। अपनी पंरपरांओं का निर्वहन करते हुए हिंदू संस्कृति विशेषताओं को समाज के समक्ष प्रस्तुत करना चाहिए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेले के दौरान निकाली जाने वाली अखाड़ों की पेशवाई कुंभ का विशेष आकर्षण होती है। पेशवाई के बाद अखाड़े के समस्त नागा सन्यासी व संत महापुरूष अखाड़े की छावनी में रहकर धार्मिक क्रियाकलाप संपन्न करेंगे। परंपरांओं के अनुरूप ही पेशवाई का श्रीगणेश किया जाता है। उन्होंने कहा कि हिंदू संस्कृति को दर्शाने वाले कुंभ पर्व पर देश दुनिया के लिए धार्मिक आयोजन विशेष महत्व रखते हैं। निंरजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि कुंभ पर्व हिंदू संस्कृति को दर्शाने वाले प्रमुख पर्व है। आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित अखाड़ा परंपरा के दर्शन कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को होते हैं तथा संत महापुरूषों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद व संत महापुरूषों के सानिध्य में कुंभ दिव्य व भव्य रूप से संपन्न होगा। आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ शास्त्र सम्मत सनातन परंपरांओं को नजदीक से जानने समझने का अवसर होता है। श्रद्धालु भक्तों को सनातन संस्कृति को समझते हुए उसके अनुरूप आचरण करना चाहिए। चरित्रवान व्यक्ति ही राष्ट्रहित में अपना योगदान देता है। उन्होंने कहा कि हरि की नगरी में कुंभ दर्शन का लाभ आस्थावान श्रद्धालुओं को अवश्य उठाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि संत महापुरूषों के दिव्य दर्शन मात्र से ही भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि संत महापुरूषों के सानिध्य में भक्त की प्रगति का मार्ग प्रशस्त होता है। एक ही स्थान पर संत महापुरूषों के दर्शन व आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे बेहतर कुंभ मेला है। श्रद्धालुओं को इस पवित्र अवसर का लाभ अवश्य उठाना चाहिए।

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