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संत समाज के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज होगा श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज का नाम -महंत जसविन्दर सिंह

हरिद्वार का माहौल खराब कर रहे असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करे प्रशासन

हरिद्वार, 7 जुलाई। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने भूरी वाले गुट के संतो द्वारा निर्मल अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज के ऊपर अनर्गल टिप्पणी को लेकर सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कनखल स्थित अखाड़े में प्रैस को जारी बयान में कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि जो लोग कल तक श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह के पैर छूकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते थे। आज वही लोग उनके पद प्रतिष्ठा पर सवाल उठा रहे हैं। जगह जगह से दुत्कार खा चुके और कानूनी प्रक्रिया से हताश हो चुके संत के भेष में असामाजिक तत्व कब तक समाज को गुमराह करते रहेंगे और पुलिस प्रशासन इनके ऊपर क्यों कार्यवाही नहीं करता है। जबकि इनके ऊपर धोखाधड़ी जैसे कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। हरिद्वार का माहौल खराब रहे असामाजिक तत्वों पर प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अखाड़े के संतों का प्रतिनिधिमण्डल जल्द ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी व डीजीपी अशोक कुमार से मिलकर असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई की मांग करेगा। कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि मात्र दो या तीन संत के भेष में भूरी वाले गुट के लोग रोजाना अखाड़े के खिलाफ टिप्पणी करते रहते हैं। जबकि हरिद्वार सहित पूरे भारत का संत समाज श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि पहले यह लोग निर्मला छावनी से बाहर हुए। उसके बाद अखाड़े के गेट पर से इनको भगाया गया और अंत में अखाड़े की इक्कड़ कला शाखा से भी पुलिस प्रशासन द्वारा खदेड़े गए। शासन प्रशासन को गुमराह कर समाज में विद्वेष फैलाना ही इन असामाजिक तत्वों का कार्य है। बाबा प्रेम सिंह भूरीवाले एक गृहस्थ व्यक्ति हैं। जो भगवा धारण कर संत बनने का ढोंग कर रहे हैं। ऐसे ढोंगीयों को संत समाज बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा। महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि अखाड़े की संपत्ति को कौन खुर्दबुुर्द करना चाहता है यह समाज भली-भांति जानता है। श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज के नाम पर अपना एक बैंक खाता तक नहीं है और ना ही पूरे भारत में उनके नाम पर कोई निजी संपत्ति है। उनके सानिध्य में अखाड़ा निरंतर उन्नति की ओर अग्रसर हो रहा है। जो ऐसे कथित भगवा धारियों को बर्दाश्त नहीं हो रहा है। श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज का नाम भारत और संत समाज के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। इन लोगों का कार्य मात्र और मात्र संपत्तियों को कब्जाना है और जिस संत की शह पर यह लोग अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। आने वाले समय में उसकी संपत्ति पर भी यह लोग कब्जा कर लेंगे। क्योंकि ऐसे लोगों का कोई ईमान और धर्म नहीं होता। अगर भूरीवाले गुटके लोगों के आरोपों में जरा भी सच्चाई है तो वह प्रमाण के साथ उसे साबित करें। समाज के सामने सच्चाई स्वयं ही उजागर हो जाएगी। महंत दर्शन सिंह व महंत तेजेंद्र सिंह ने कहा कि बाबा प्रेम सिंह भूरीवाले व रेशम सिंह दोनों गृहस्थ व्यक्ति हैं। बाबा प्रेम सिंह के दो बच्चे भी हैं। ऐसे लोग भगवा धारण कर संत बनने का ढोंग कर समाज को गुमराह कर रहे हैं। श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज तपस्वी व विद्वान संत हैं। उनका नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। इस अवसर पर महंत अमनदीप सिंह, महंत प्यारा सिंह, महंत खेम सिंह, संत जरनैल सिंह, संत बीरेंद्र सिंह, संत गुरप्रीत सिंह, महंत दर्शन सिंह शास्त्री, महंत निर्भय सिंह, संत हरजोध ंिसंह, संत सुखमण सिंह, संत जसकरण सिंह, संत तलविंदर सिंह, संत रवि सिंह ने भी श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह पर अनर्गल टिप्पणी की निंदा की।

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