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आद्य जगद्गुरू शंकराचार्य के जीवन से प्रेरणा लें युवा संत- श्रीमहंत राजेंद्रदास

हरिद्वार, 17 मई। तीनों वैष्णव अखाड़ों के तत्वावधान में शंकराचार्य जयंती मनायी गयी। 1232वीं शंकराचार्य जयंती के अवसर पर बैरागी कैंप स्थित श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े में तीनों अनी अखाड़ों के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास, श्रीमहंत धर्मदास, श्रीमहंत कृष्णदास के नेतृत्व में संतों ने आदि गुरू शंकराचार्य के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करते हुए सनातन धर्म के उत्थान व संरक्षण का संकल्प लिया। इस दौरान श्रीमहंत कृष्णदास महाराज ने कहा कि जगद्गुरू शंकराचार्य ने युवा अवस्था में संपूर्ण जगत को धर्म का संदेश प्रदान कर चार मठों की स्थापना की। उन्हीं के मार्ग का अनुसरण करते हुए संत समाज धर्म के संरक्षण व संवर्द्धन में अपनी भूमिका निभाता चला आ रहा है। श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि आद्य जगद्गुरू शंकराचार्य युग प्रवर्तक थे। जिन्होंने संसार में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर समाज को एक नई दिशा प्रदान की। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुलनीय योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि भगवान शिव के अवतार जगद्गुरू शंकराचार्य ने समाज से जातपात व ऊंचनीच का भेदभाव मिटाकर सभी को समान दृष्टि से देखते हुए भाईचारे का संदेश दिया। युवा संतों को उनके जीवन से पे्ररणा लेकर धर्म एवं संस्कृति सरंक्षण संवर्द्धन में अपना योगदान प्रदान करना चाहिए। इस दौरान महंत रघुवीर दास, महंत संत रामसेवक दास, महंत दुर्गादास, महंत विष्णुदास, महंत बिहारी शरण दास, महंत नारायण दास पटवारी, महंत सूरज दास, महंत प्रहलाद दास, महंत अगस्त दास, नीलेश्वर मंदिर के परमाध्यक्ष महंत प्रेमदास, महंत भगवान दास खाकी, महंत मनीष दास, महंत रामदास, महंत गजेंद्र दास, महंत पदमदास नागा, महंत सूरज दास, महंत राजेंद्रदास, महंत ब्रहमाण्ड गुरू अनन्त महाप्रभु, स्वामी प्रकाशानंद, महंत अंकित दास, सुरेश अवस्थी, करन शर्मा, दिवाकर शर्मा, विशाल शर्मा, पंकज दास, लक्ष्य शर्मा आदि मौजूद रहे।

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