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राष्ट्र की धरोहर है संत महापुरुष- श्रीमहंत रवींद्र पुरी

सनातन संस्कृति की रीढ़ है युवा संत- महामनीषी निरंजन स्वामी

हरिद्वार 7 मार्च । अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमंहत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा है कि संत महापुरुष राष्ट्र की धरोहर है। और युवा संत सनातन धर्म की रीढ़ हैं जो विश्व भर में धर्म एवं संस्कृति की पताका को फहरा रहे हैं। भारत माता पुरम स्थित आयुष अखिल चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रथम वार्षिक उत्सव पर आयोजित संत समागम को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म आदिकाल से विश्व का मार्गदर्शन करता चला आ रहा है। और हमें गर्व है कि हम भारत देश के उत्तराखंड की पावन भूमि पर पतित पावनी मां गंगा के सानिध्य में धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। स्वामी आयुष कृष्ण नयन युवा संत है हम सभी इनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने कहा कि धर्म के संरक्षण संवर्धन में युवा संत अपनी सहभागिता प्रदान कर रहे हैं जो भारत के भविष्य के लिए सराहनीय कदम है। आयुष अखिल चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से स्वामी आयुष कृष्ण नयन महाराज सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार में अपना जीवन समर्पित करेंगे संत समाज का आशीर्वाद उनके साथ है। कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का आभार व्यक्त करते हुए आयुष अखिल चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी आयुष कृष्ण नयन ने कहा कि संत समाज की सेवा करते हुए सनातन धर्म को सर्वोच्च शिखर पर ले जाना ही उनके जीवन का मूल उद्देश्य है। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद एवं योगी सत्यव्रतानंद महाराज ने कहा कि हरिद्वार के संत समाज ने जिस प्रकार से भारतीय सभ्यता का संवर्धन संरक्षण किया है वह सभी के लिए प्रेरणा से परिपूर्ण है। हम सभी को अपने राष्ट्र की उन्नति में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। तभी भारत विश्व गुरु बन कर ऊभरेगा। इस अवसर पर स्वामी कल्याण देव, महामंडलेश्वर स्वामी उमाकांतानंद सरस्वती, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत शिवानंद, महंत सूरज दास सहित कई संत महापुरुष उपस्थित रहे।

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