Dharm

राष्ट्र की एकता अखण्डता कायम रखने के लिए संत समाज को एकजुट होना होगा-जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी रामचार्य


हरिद्वार, 22 अप्रैल। अयोध्या पीठ के जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामचार्य महाराज ने संत परंपरा सनातन धर्म व संस्कृति की रक्षक है। धर्म एवं संस्कृति के सरंक्षण में वैष्णव संतो की हमेशा अग्रणी भूमिका रही है। बैरागी कैंप स्थित शिविर में संत समागम के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए जगद्गुरू रामानंचार्य स्वामी रामचार्य महाराज ने कहा कि कुंभ मेला सनातन धर्म का प्रमुख पर्व व विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। कुंभ के दौरान गंगा तट पर होने वाला संत समागम पूरे विश्व को धार्मिक व आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है। संत परंपरा ही पूरे विश्व में भारत को महान बनाती है। जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी रामचार्य महाराज ने कहा कि राष्ट्र की एकता व अखण्डता कायम रखने के लिए पूरे संत समाज को एकजुट होना होगा। आज पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी से त्रस्त है। संतों के जप तप व धार्मिक अनुष्ठानों से ही कोरोना को समाप्त किया जा सकता है। बड़े व भव्य स्तर पर आयोजित होने वाला कुंभ कोरोना के चलते प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि लगातार बिगड़ते पर्यावरण के चलते कई प्रकार के रोग दुनिया में उत्पन्न हो रहे हैं। प्रकृति का संरक्षण कर ही रोगों से बचाव व मानव जीवन की रक्षा की जा सकती है। इसलिए इस कुंभ मेले में सभी को वृक्षारोपण व पर्यावरण संरक्षण का संकल्प अवश्य लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बिगाड़ने में पाॅलीथीन की सबसे अधिक भूमिका है। इसलिए सभी को पाॅलीथीन का प्रयोग नहीं करने का संकल्प भी लेना चाहिए। साथ ही सरकार को भी पाॅलीथीन का उत्पादन बंद करने के लिए कदम उठाने चाहिए। युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि देश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने तथा धर्म का संरक्षण करने दायित्व युवा पीढ़ी पर ही है। इसलिए युवा वर्ग को नशे व पाश्चात्य संस्कृति का परित्याग कर देश व धर्म सेवा तथा सनातन धर्म के संरक्षण में अपना योगदान करना चाहिए। इस अवसर पर महंत श्रवण दास, महंत गोपालदास, महंत मदन दास, मनटून दास नागा, मनीष दास, अमरदास, राजेशदास पहलवान, नंदराम दास, हरि भजन दास, द्वारिकादास रजनीश भारती, गुड्डु चैधरी आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *