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गुरु ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप है- महंत अरुण दास

हरिद्वार 7 जुलाई। भीमगोड़ा स्थित जगन्नाथ धाम में गुरु पूर्णिमा पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। श्रद्धालु भक्तों को गुरु महिमा का सार बताते हुए महंत अरुण दास महाराज ने कहा कि गुरु ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप है। जो व्यक्ति को ज्ञान की प्रेरणा देकर उसके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते है। व्यक्ति चाहे किसी भी क्षेत्र में कार्यरत हो उसे गुरु की आवश्यकता पड़ती ही है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को गुरु के शरणागत रहकर अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा पर्व गुरु और शिष्य के अटूट प्रेम को दर्शाता है। और भारतीय संस्कृति में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है।

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