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महान संत थे ब्रह्मलीन महंत शौकी दास-स्वामी कपिल मुनि

हरिद्वार, 9 जून। महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा है कि ब्रह्मलीन महंत शौकी दास महाराज एक महान संत थे। जिन्होंने जीवन पर्यंत सनातन परंपराओं का निर्वहन करते हुए भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म की पताका को विश्व भर में फहराया। राष्ट्र निर्माण में उनका अहम योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। जस्साराम रोड स्थित श्री स्वामी शौकी दास उदासीन आश्रम में आयोजित ब्रह्मलीन स्वामी शौकी दास महाराज की पुण्यतिथि पर श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि महापुरुषों का जीवन सदैव मानव सेवा के लिए समर्पित रहता है। सभी को महापुरुषों का अनुसरण करते हुए राष्ट्र की एकता अखंडता बनाए रखने में अपना योगदान प्रदान करना चाहिए। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के श्रीमहंत रघु मुनि महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है और ब्रह्मलीन महंत शौकी दास महाराज तो साक्षात त्याग एवं तपस्या के प्रतिमूर्ति थे। जिन्होंने सदैव भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर धर्म के संरक्षण संवर्धन की प्रेरणा दी। ऐसे महापुरुषों को संत समाज सदैव स्मरण करता रहेगा। शौकी दास उदासीन आश्रम के अध्यक्ष श्रीमहंत गंगा दास महाराज ने कहा कि संत समाज अपने ज्ञान एवं विद्वत्ता के माध्यम से समाज का मार्गदर्शन करता चला आ रहा है। ब्रह्मलीन स्वामी शौकी दास महाराज एक महान संत थे। जो विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने सदैव संत समाज को एक मंच पर लाकर राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोया। ऐसे महापुरुष समाज को विरले ही प्राप्त होते हैं। इस अवसर पर बाबा हठयोगी, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद, महंत सुतीक्षण मुनि, महंत प्रह्लाद दास, महंत सूरज दास, महंत राजेंद्र दास, महामंडलेश्वर स्वामी वेदानंद, स्वामी अरुण दास, स्वामी दिनेश दास, महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, महंत श्याम प्रकाश, महंत श्रवण मुनि, महंत प्रकाश मुनि, महंत निर्मल दास, स्वामी गंगा दास उदासीन, महंत दामोदर दास, महंत प्रेमदास, महंत दामोदर शरण दास स्वामी विवेकानंद, महंत दुर्गादास सहित बड़ी संख्या में संत महापुरुषों उपस्थित रहे।

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