हरिद्वार, 22 मई। भूपतवाला स्थित हरिधाम सनातन सेवा ट्रस्ट आश्रम में कोरोना महामारी की समाप्ति हेतु भगवान शिव का अभिषेक किया गया और विश्व कल्याण की कामना की गई। इस दौरान आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि देवों के देव महादेव भगवान शिव सृष्टि के सर्वशक्तिमान देव है जो अपने भक्तों का संरक्षण कर उन्हें दीर्घायु प्रदान करते हैं। वर्तमान में पूरा विश्व कोरोना महामारी से त्रस्त है। ऐसे में धार्मिक अनुष्ठान एवं पूजा अर्चना ही व्यक्ति को इस महामारी से निजात दिला सकते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान भोलेनाथ की असीम कृपा और पतित पावनी मां गंगा के आशीर्वाद से कोरोना महामारी जल्द ही संपूर्ण विश्व से समाप्त होगी और पूरे विश्व में खुशहाली लौटेगी। उन्होंने कहा कि धार्मिक अनुष्ठानों से देश में नई ऊर्जा का संचार होता है। विश्व कल्याण के लिए किया गया अनुष्ठान अवश्य ही देश हित में साबित होगा। भगवान भोलेनाथ प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में विराजमान है और सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होकर व्यक्ति को मनवांछित फल प्रदान करने वाले हैं। सच्चे मन से की गई भगवान शिव की आराधना सुख समृद्धि प्रदान करती है। कोरोना काल में भगवान शिव की अनुकंपा जिस व्यक्ति पर हो जाए उसके समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों से छेड़छाड़ और विज्ञान का अत्याधुनिक प्रयोग प्राकृतिक आपदाओं को निमंत्रण देता है। विश्व भर के संपूर्ण लोगों को प्रकृति का सम्मान करते हुए पेड़ पौधे अवश्य लगाने चाहिए, जो हमें प्राणवायु ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। आचार्य मनीष जोशी ने कहा कि कोरोना समाप्ति एवं विश्व कल्याण के लिए आयोजित किया गया भगवान शिव का अभिषेक हर कष्ट से समस्त भारतवासियों की रक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि ईश्वर की कृपा से कोरोना के केस कम हो रहे हैं। जल्द ही पूरा देश कोरोना मुक्त होगा। कोरोना महामारी से सबक लेते हुए मानव को प्राकृतिक संसाधनों से छेड़छाड़ करना बंद करना चाहिए और अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ पौधे लगाने चाहिए। आज पूरा विश्व ऑक्सीजन की कमी के कारण भारी संकट से जूझ रहा है। इसको देखते हुए केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों को वृद्ध स्तर पर पौधारोपण के लिए सभी को जागरूक करना चाहिए। प्रकृति मनुष्य के लिए अमूल्य वरदान है। जिस का संरक्षण करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। जल एवं वायु की रक्षा मे ही प्रत्येक व्यक्ति की सुरक्षा निहित है। इसलिए समय रहते सभी को प्राकृतिक संरक्षण में अधिक से अधिक योगदान देना चाहिए। इस दौरान स्वामी नत्थीनंद गिरी, स्वामी सत्यानंद गिरी, स्वामी मोनू गिरी, स्वामी विकास गिरी, नंदकिशोर जोशी आदि उपस्थित रहे।
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