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भगवान शिव की उपासना बिना बेल पत्र के अधूरी है-स्वामी राजेंद्रानंद

विक्की सैनी

हरिद्वार, 15 जुलाई। भीमगोड़ा स्थित विश्नोई आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी राजेंद्रानंद महाराज ने श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि सावन में भगवान शिव की उपासना बिना बेल पत्र के अधूरी मानी जाती है। क्योंकि बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव और मां पार्वती प्रसन्न होते हैं। भगवान शिव की पूजा अर्चना विधि विधान से करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। स्वामी राजेंद्रानंद महाराज ने कहा कि भगवान शिव भोलेनाथ अपने भक्तों को कभी निराश नहीं लौटाते। उनकी शरण में आने वाला हर व्यक्ति उनकी कृपा प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि जिस बेल पत्र पर सात पत्ते एक साथ होते हैं। वह बेल पत्र बहुत ही भाग्यशाली व्यक्ति को प्राप्त होता है। उसे शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव अधिक प्रसन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान शिव एक मात्र ऐसे देव हैं जो भक्त द्वारा किए गए जलाभिषेक व सूक्ष्म आराधना से प्रसन्न हो जाते हैं। सावन देवों के देव महादेव भगवान शिव की प्रसन्नता व कृपा प्राप्त करने सबसे बेहतर अवसर है। प्रत्येक श्रद्धालु को इस अवसर का लाभ उठाते हुए प्रतिदिन शिवलिंग पर जलाभिषेक अवश्य करना चाहिए। भगवान शिव के साथ माता पार्वती का पूजन भी किया जाए तो अत्यधिक पुण्य लाभ प्राप्त होता है। महादेव शिव की कृपा से साधक के सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है और जीवन भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से भगवान शिव की पूजा व जलाभिषेक करने से भाग्य प्रबल होता है और सभी सुखों की प्राप्ति होती है।

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