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श्री भगवान दास कबीर आश्रम का वार्षिकोत्सव संपन्न

श्री भगवान दास कबीर आश्रम का वार्षिकोत्सव संपन्न

सनातन धर्म शाश्वत विश्व का कर रहा मार्गदर्शन- स्वामी जितवानंद

हरिद्वार 26 सितम्बर। श्री भगवान दास कबीर आश्रम का वार्षिकोत्सव संपन्न होने पर संतों ने एकजुट होकर भारत को विश्व गुरु बनाने का संकल्प लिया एवं सभी सनातन धर्मावलंबियों से अपील की है कि सभी एक मंच पर आकर सनातन विरोधी ताकत को करारा जवाब देते हुए भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म की रक्षा के लिए आगे आएं। भूपतवाला स्थित कबीर आश्रम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान आश्रम के अध्यक्ष स्वामी जितवानंद महाराज ने कहा कि अनादि काल से संत महापुरुष भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में अपना जीवन समर्पित कर रहे हैं। अनंत काल तक करते रहेंगे। सनातन धर्म शाश्वत है जिसके माध्यम से आज संपूर्ण विश्व में भारत का डंका बज रहा है। वह दिन दूर नहीं जब भारत जल्द ही विश्व गुरु के रूप में संसार का मार्गदर्शन करेगा। सचिव महंत ज्ञानानंद गोस्वामी महाराज ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को विश्व पटल पर संत महापुरुष संजोए हुए हैं। सनातन संस्कृति से प्रभावित होकर विदेशी लोग भी भारतीय सभ्यता को अपना रहे हैं। विदेशों में भव्य रूप से बनाए जा रहे हिंदू देवी देवताओं के मंदिर साक्षात प्रमाण है। कि सनातन धर्म अनेकता में एकता को दर्शाता है। सभी धर्म का आदर सम्मान भारतीय संस्कृति में दर्शाया गया है। कबीर आश्रम के प्रबंधक स्वामी प्रकाशानंद महाराज ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत नित नए आयाम रच रहा है। अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर निर्माण जल्द ही पूरा होगा। जिससे करोड़ो सनातन प्रेमियों की आस्था को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा उज्जैन महाकाल कॉरिडोर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, केदारनाथ मंदिर जीर्णोद्धार सहित धर्म के क्षेत्र में अनेक ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। जो धर्म के प्रति उनकी आस्था को दर्शाता है। हमें आशा ही नहीं पूरी उम्मीद है कि जल्द ही भारत विश्व गुरु बनकर समस्त संसार को एक नई दिशा प्रदान करेगा। इस दौरान महंत रामप्रिय गोस्वामी, महंत ज्ञानस्वरूप गोस्वामी, महंत त्यागी महाराज, महंत मिथिलेश गोस्वामी, महंत कृष्णानंद महाराज, महंत रामस्वरूप ब्रह्मचारी, महंत चंद्रमान दास, स्वामी परमानंद गोस्वामी, महंत शिवानंद, महंत सूरज दास, महंत दुर्गादास, त्रिलोक कुमार सहित कई संत महापुरुष उपस्थित रहे।

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