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अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी ने किया पूर्व अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदास का स्वागत

हिन्दू धर्मस्थलों के संरक्षण के लिए बनाया जाए ठोस कानून-श्रीमहंत ज्ञानदास

हरिद्वार, 27 मई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने बैरागी कैंप स्थित श्री ज्ञान गंगा गौशाला पहुंचकर अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदास महाराज से भेंट वार्ता की और आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान संतो ने श्रीमहंत ज्ञानदास महाराज के 12 वर्ष बाद हरिद्वार पधारने पर फूलमाला पहनाकर और शॉल ओढ़ाकर उनका स्वागत किया। भेंटवार्ता के दौरान श्रीमहंत ज्ञान दास महाराज ने कहा कि पुरातत्व विभाग द्वारा संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर की जांच कराकर तथ्यों की सत्यता सामने लाई जाए। जिससे कि राम मंदिर की तर्ज पर ज्ञानवापी का फैसला जल्द से जल्द आ सके। उन्होंने कहा कि अतिक्रमणकारियों द्वारा प्राचीन समय में मंदिरों को तोड़कर मस्जिदों का निर्माण किया गया। जिसके सबूत धीरे-धीरे मिल रहे हैं। उन्हें कानून पर भरोसा है कि अदालत का फैसला हिन्दू समाज के पक्ष में होगा। केंद्र एवं राज्य सरकारों को हिंदू धर्म स्थलों का संरक्षण संवर्धन करने के लिए एक ठोस कानून बनाना चाहिए। जिससे श्रद्धालु भक्तों की आस्था को ठेस ना पहुंचे। पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद एक है और एक ही रहेगा। चार संप्रदायों के गठजोड़ से अखाड़ा परिषद का निर्माण होता है। बैरागी, उदासी, सन्यासी और निर्मल संप्रदाय के साथ महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव ही वास्तविक अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष है और महामंत्री निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज है। इसमें कोई भ्रम नहीं है। कुछ संतो द्वारा इस बात को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। लेकिन समय आने पर सच्चाई सबके सामने आ जाएगी और समाज को भ्रमित करने वाले संतो को सद्बुद्धि मिलेगी। वर्तमान अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि सर्वे के बाद अधिकतर सबूत ऐसे मिले हैं, जिनसे साबित होता है कि ज्ञानवापी मस्जिद की जगह वहां मंदिर मौजूद था। अब इस मसले को कोर्ट द्वारा जल्द से जल्द हल किया जाए। ताकि भव्य मंदिर का निर्माण कर उसमें पूजा पाठ शुरू किया जा सके। उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर में शिवलिंग या अन्य तथ्यों के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ ना हो। इसके लिए भी राज्य सरकार एवं कोर्ट को उसकी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए। बाबा हठयोगी एवं श्री ज्ञान गंगा गौशाला के अध्यक्ष महंत रामदास महाराज ने कहा कि श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज विद्वान एवं तपस्वी महापुरुष हैं। जिनके नेतृत्व में अखाड़ा परिषद संतो के हितों के लिए कार्य कर रही है। जल्द ही अखाड़ों की एक बैठक बुलाकर फर्जी संतों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान बाबा हठयोगी, महंत विष्णुदास, महंत दुर्गादास, महंत रघुवीर दास, महंत सूरजदास, महंत बिहारी शरण, महंत संजय दास, महंत हेमंत दास आदि संत मौजूद रहे।

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