चिकित्सकों की लापरवाही से गई मरीज की जान
- हॉस्पिटल प्रबंधन ने आयुष्मान कार्ड पर इलाज करने से किया इनकार *
हरिद्वार। हॉस्पिटल प्रबंधन एवं चिकित्सकों की मनमानी के चलते माता की भेंट गाने वाले भजन गायक को असमय काल का ग्रास बनना पड़ा । हॉस्पिटल प्रबंधन ने आयुष्मान कार्ड पर मरीज का इलाज करने से इंकार कर दिया। वही परिजन डॉक्टरों की फीस जमा करने में असमर्थ रहे। इसके चलते मरीज को असमय ही काल का ग्रास बनना पड़ा।बताते चले कि जगजीतपुर निवासी भजन गायक मोहन भट्ट की तबीयत नाजुक होने पर परिजनों ने रविवार को दोपहर 2:30 बजे पर देशरक्षक तिराहे, जगजीतपुर रोड पर स्थित योग माता पायलट, ट्रामा सेंटर नामक हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड सुविधा की जानकारी लेकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया। मोहन भट्ट के पुत्र मनीष भट्ट ने बताया कि उनके पिता मोहन भट्ट को हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड पर एडमिट कर लिया और इलाज शुरू कर दिया। परंतु एक घंटा बीत जाने के बाद परिजनों को बुलाकर उन्होंने 5 हजार एडवांस काउंटर फीस जमा करने के लिए, और ₹20 हजार दवाइयों का बिल देने के का दवाब बनाया। हॉस्पिटल प्रबंधकों की पैसों की डिमांड सुनकर परिजनों के होश उड़ गए। परिजनों के पूछने पर हॉस्पिटल कर्मचारियों ने बताया कि आयुष्मान कार्ड हमारे यहाँ इस प्रकार मान्य नहीं है। इसके बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों का आरोप है कि हमने पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद ही मरीज को हॉस्पिटल में एडमिट कराया था। परंतु अब इतनी जल्दी 25 से 30 हजार रुपये देना उनके बस की बात नही है। इसके बाद परिजनों के साथ हॉस्पिटल विभाग ने ऊंची आवाज में तू तड़ाक शुरू कर दिया। परिजनों के लाख विनती करने पर भी उनकी एक नहीं सुनी गई । इसके बाद परिजनों ने मीडिया को सूचना दी । मौके पर जब मीडिया पहुंची तो हॉस्पिटल विभाग ने भी स्कॉर्पियो गाडी में अपने बाउंसर बुला लिए। जिन्होंने आते ही मीडिया कर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार करना शुरू कर दिया और वीडियो व बाइट लेते समय कार्य बाधित किया । हॉस्पिटल द्वारा बुलाए गए बाहर से युवकों के साथ ज्यादा अधिक तू तू मैं मैं होने पर हॉस्पिटल विभाग के कर्मचारियों ने बुलाए गए अपने बाउंसरो को हॉस्पिटल के अंदर ले लिया। इतनी गर्मा-गर्मी देखकर परिजनों ने अपने मरीज को वहां से ले जाना ही उचित समझा। मीडिया कर्मी के पूछने पर परिजनों ने यह भी बताया कि लॉकडाउन के चलते जागरण का कार्य बंद होने के कारण मरीज के घर में भरण पोषण की बहुत दिक्कत थी और अचानक से 25 से 30 हजार जुटाना परिजनों के सामर्थ में नहीं था। परिजनों ने गुहार लगाते हुए हॉस्पिटल विभाग से फिर प्रार्थना की, कि हम इतना पैसा देने में असमर्थ हैं ।कृपया कर आप हमारे मरीज को हमारे हवाले कर दे। जिसके चलते उन्होंने पेशेंट के परिजनों से लिखवा कर मरीज को उनके हवाले कर दिया । जिसमें की रात्रि 11:30 बजे मोहन भट्ट ने बीमारी से जूझते हुए अपना शरीर त्याग दिया। इसके उपरांत परिजनों ने हॉस्पिटल प्रबंधन पर मृतक मोहन भट्ट के हत्या का आरोप लगाते हुए उचित कार्यवाही की मांग की है।