राकेश वालिया
हरिद्वार, 1 अक्टूबर। समाजसेवी राजेश कुमार ने एनएचएआई पर असंवेदनशीलता को आरोप लगाते हुए आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है। प्रैस को जारी बयान में राजेश कुमार ने कहा कि उनका उद्देश्य विभागों में आपसी तालमेल के अभाव में योजनाओं के समय पर पूर्ण नहीं होने से सरकारी धन की बर्बादी के प्रति आम जनमानस को जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि विभागों को निर्माण कार्यो के लिए आर्डर ता जारी कर दिए जाते हैं। लेकिन बजट के अभाव में निर्माण कार्यो का भुगतान विभागों को प्राप्त नहीं होता है। बिजली विभाग, जलसंस्थान व सड़कों के निर्माण में लगी संस्थाओं में आपसी तालमेल के अभाव में निर्माण कार्यो में तेजी नहीं आ पा रही है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्रधिकरण द्वारा उत्तराखंड में देहरादून से मुजफ्फरनगर तक राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जा रहा है। इस हेतु सड़क निर्माण के दौरान बाधा उत्पन्न कर रहे बिजली, पानी, सीवर, नहर इत्यादि को शिफ्ट किया जाता है। इस हेतु कई कंपनियों को मूल कांट्रेक्टर द्वारा यूटिलिटीज शिफ्टिंग कांट्रेक्टर नियुक्त किया गया है। इन कंपनियों से शिफ्टिंग तो करा लिया गया है पर एनएचएआई द्वारा भुगतान नही किया जा रहा है। रुड़की प्रोजेक्ट डायरेक्टर द्वारा तो कोई प्राक्कलन भी अभी तक स्वीकृत ही नही किया गया है, और बिना स्वीकृति के ही कॉन्ट्रेक्टरों को हटा देने की धमकी देकर करोड़ों रुपये के कार्य करा लिए गए हैं। विदित हो कि यह प्रोजेक्ट नवंबर में पूर्ण किए जाने का लक्ष्य है। लेकिन बिना शिफ्टिंग के इस लक्ष्य को प्राप्त करना असम्भव है यदि अभी से युद्ध स्तर पर शुरू किया जाए तो यह कार्य कुम्भ के पहले समाप्त किया जा सकता है। अगर यही स्थिति रही तो कुंभ में बिजली पानी की गंभीर समस्या रहेगी और सड़कें पूर्ण न होने से गंभीर जान माल की क्षति होना संभावित है। जिससे देश, प्रदेश की बदनामी होना सुनिश्चित है। राजेश कुमार ने कहा कि राज्य एवं केंद्र समन्वय स्थापित कर निर्माण कार्यो को जनहित में समय पर पूर्ण कराए। व्यापक जनहित, प्रदेश व राष्ट्रहित में गांधी जयंती से वे चंद्राचार्य चैक पर आमरण अनशन शुरू करेंगे। ताकि प्रदेश और देश की सरकार हकीकत से रूबरू हो सके और सड़क निर्माण कुम्भ से पहले समाप्त किया जा सके और जन धन की हानि से बचा जा सके।