हरिद्वार। श्री चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा है कि मां भगवती की आराधना से व्यक्ति के जन्म जन्मांतर के पापों का शमन होता है। सुख समृद्धि एवं उन्नति की प्राप्ति होती है। मां भगवती अपने भक्तों का संरक्षण कर उनका जीवन भवसागर से पार लगती है। अपनी शरण में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर माँ उन्हें मनवांछित फल प्रदान करती है। भूपतवाला स्थित श्री चेतन ज्योति आश्रम में नवरात्र पर्व के तीसरे दिन श्रद्धालु भक्तों को मां की ममता का सार बताते हुए स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि जब जब धरती पर पाप का उदय होता है। तब तब मां भगवती किसी न किसी रूप में अवतरित होकर मानव जाति का कल्याण करती है। देवी भगवती अनंत काल तक विश्व का कल्याण करने वाली है। नवरात्र पर्व के दौरान की गई मां भगवती की उपासना व्यक्ति का जीवन बदल देती है। मां की आराधना से साधक को शांति और मुक्ति की प्राप्ति होती है। युवा भारत साधु समाज के अध्यक्ष महंत शिवानंद महाराज ने कहा कि सिद्धि और साधना की दृष्टि से शारदीय नवरात्र अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस दौरान अपने आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति के संचय के लिए संयम, नियम, योग, साधना अवश्य करनी चाहिए। आदिकाल से मानव जाति मां दुर्गा की आराधना जगत कल्याण के लिए करती आ रही है। जो दिन दुखी मन के दरबार में आ जाता है उसका कल्याण अवश्य ही निश्चित है। इस दौरान श्रवण कुमार, अनिल सिंह, महंत दुर्गादास, मंहत सूरजदास, महंत प्रहलाद दास उपस्थित रहे।
