हरिद्वार, 28 सितम्बर। श्री राम कथा के श्रवण से व्यक्ति में उत्तम चरित्र का निर्माण होता है। जिससे वह स्वयं को सफल बना कर अपने मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है। जो श्रद्धालु भक्त मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की कथा का अनुसरण कर लेते हैं। उनका जीवन भवसागर से पार हो जाता है। उक्त उद्गार श्री राम कथा मर्मज्ञ स्वामी चिन्मयानंद बापू महाराज ने श्यामपुर कांगड़ी स्थित गांव में आयोजित श्रीराम कथा के तीसरे दिन श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। स्वामी चिन्मयानंद बापू ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जन-जन के आराध्य है और प्रत्येक भारतवासी के कण-कण में विराजमान हैं। जिनका आदर्श पूर्ण जीवन हमेशा मानव जाति के लिए प्रसांगिक रहेगा। जो व्यक्ति मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन को अपने व्यवहार में आत्मसात कर लेता है। उसका जीवन सदैव उन्नति की ओर अग्रसर रहता है। स्वामी चिन्मयानंद बापू महाराज ने कहा कि भगवान तो सर्वत्र हैं। परंतु व्यक्ति को इसका बोध नहीं होता। आज हमारे यहां श्री राम कथा का रास चल रहा है। परंतु व्यक्ति दर्शन को नहीं आते। वास्तव में श्रीराम की कथा के दर्शन हर व्यक्ति को प्राप्त नहीं होते। भाग्यशाली व्यक्ति को ही कथा श्रवण का अवसर प्राप्त होता है। इसलिए सभी को समय निकालकर कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्व कल्याण के लिए नवरात्र में जारी श्रीराम की कथा अवश्य ही संपूर्ण जगत में एक नई ऊर्जा का संचार करेगी। धार्मिक अनुष्ठान देश को नई दिशा प्रदान करते हैं और श्रीराम की कथा तो जन्म जन्मांतर के पुण्य उदय होने पर ही प्राप्त होती है।
