हरिद्वार, 19 सितम्बर। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा है कि संत परंपरा सनातन संस्कृति की वाहक है और महापुरुषों ने सदैव ही समाज को नई दिशा प्रदान की है। ब्रह्मलीन महंत रघुवीर सिंह और महंत गुरबचन सिंह महाराज परोपकारी संत महापुरुष थे। जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन मानवता के लिए समर्पित किया। ऐसे महापुरुषों को संत समाज नमन करता है। औद्योगिक क्षेत्र स्थित रघुवीर बाग में ब्रह्मलीन महंत रघुवीर सिंह एवं महंत गुरबचन सिंह महाराज की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित संत समागम में श्रद्धालु संगत को संबोधित करते हुए श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि महापुरुष केवल शरीर त्यागते है।ं समाज कल्याण के लिए उनकी शिक्षाएं अनंत काल तक समाज का मार्गदर्शन करती रहती है। रघुवीर बाग के अध्यक्ष मंहत प्यारा सिंह महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत रघुवीर सिंह महाराज एवं महंत गुरबचन सिंह महाराज दोनों ही महापुरुष महान संत थे। जिन्होंने सनातन परंपराओं का निर्वहन करते हुए धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में अपना योगदान प्रदान किया और युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित किया। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि राष्ट्र की एकता अखंडता बनाए रखने में संत महापुरुषों ने हमेशा ही अग्रणी भूमिका निभाई है और महापुरुषों के तपोबल से ही भारत पूरे विश्व में गौरवान्वित हो रहा है। ब्रह्मलीन महंत रघुवीर सिंह और महंत गुरबचन सिंह महाराज त्याग एवं तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। जिनका आदर्श पूर्ण जीवन आज भी संतों की युवा पीढ़ी को प्रेरणा दे रहा है। संत समाज के इतिहास में उनका नाम सदैव स्मरण किया जाएगा। इस अवसर पर महंत सतनाम दास, महंत परमेश्वर दास, महंत बसंत दास, महंत चंदन पुरी, महंत हरदेव सिंह, महंत गुरमीत सिंह, महंत निर्भय सिंह, संत हरजोत सिंह, संत सुरजीत सिंह, महंत खेम सिंह, संत जसकरण सिंह, संत तलविंदर सिंह, महंत हरिहरानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनेश दास, स्वामी दामोदर दास सहित कई संत महापुरुष उपस्थित रहे।
