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निकाय चुनाव से पहले उजागर हुआ शिवालिक नगर पालिका परिषद का घोटाला

आरटीआई में खुलासा: नगर पालिका शिवालिक नगर में सफाई के नाम पर करोड़ों का घोटाला

  • टेंडरों के बिल फर्जी तरीके से शासन से पास करा करोड़ों रूपये प्राप्त किए
  • अखबार की एक कॉपी में टेंडर प्रकाशित कराकर शासन से करोड़ों के बिल पास कराए
  • पूरे प्रदेश में बांटे गए अखबार की एक भी कॉपी में नहीं छपी मिला टेंडर
  • अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलीभगत कर शासन की आंखों में झोंकी धूल

हरिद्वार। जहां एक तरफ हरिद्वार में नगर निकाय चुनाव की तैयारी तेज होती जा रही है। वही शिवालिक नगर पालिका परिषद में हुए करोड़ों के घोटाले का मामला सामने आया है। आरटीआई में खुलासा हुआ है कि अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से हाउस कीपिंग सफाई के टेंडर में गड़बड़झाला करते हुए शासन की आंखों में धूल झोंककर करोड़ों रुपये का भुगतान प्राप्त कर लिया गया। जिसको लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। अब देखने वाली बात है कि क्या शासन और प्रशासन इस मामले में जांच बैठाकर कार्रवाई करेगा या फिर इस इस मामले को दबा दिया जाएगा।
आपको बता दें कि वर्ष 2021 के कुंभ मेले में नगर पालिका परिषद द्वारा किए गए हाउस कीपिंग सफाई के टेंडरो के बिल फर्जी तरह से उत्तराखंड शासन से पास कराकर करोड़ों रूपये का गबन किया गया है। जिसका खुलासा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 अधिनियम के अंतर्गत किया गया है। आरटीआई कार्यकर्ता ने शिवालिक नगर पालिका परिषद में हुए करोड़ों के घोटाले के सबूत उपलब्ध कराए। जिसमें नगर पालिका परिषद द्वारा एक अखबार का जिक्र करते हुए कहा कि हमने एक अखबार को जारी किए गए टेंडर की प्रतिलिपि छापने के लिए कहा था। जिस अखबार का शिवालिक नगर पालिका परिषद ने जिक्र किया उस अखबार की मात्र एक कॉपी में ही टेंडर की प्रतिलिपि छापी गई। इसमें ठेकेदार व कुछ संबंधित अधिकारियों की मिली भगत से शासन से करोड़ों रूपये के बिल पास कराए गए, जब उसी अखबार की कॉपी सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचना विभाग देहरादून से प्राप्त की गई तो ज्ञात हुआ की पूरे उत्तराखंड में वितरण किए गए उसी अखबार की किसी भी कॉपी में टेंडर की प्रतिलिपि नहीं छापी गई। जिसमें एक अखबार द्वारा भ्रष्टाचारियों का साथ देते हुए अधिकारियों व ठेकेदारों की मिली भगत से फर्जी टेंडर छापकर उत्तराखंड शासन की आंखों में धूल झोंकते हुए करोड़ों रुपए के बिल पास कराए गए।

उच्च अधिकारी हैं मौन

प्रकरण की शिकायत उच्च अधिकारियों को भी की गई। जिसमें उच्च अधिकारियों द्वारा टीम गठित कर जांच करने का आश्वासन दिया गया। मगर करोडो के घोटाले के ठोस सबूत उच्च अधिकारियों के हाथ लगने पर भी उच्च अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही न करना अपने आप में एक सवालिया निशान खड़ा कर रहा है।

सुर्खियों में रहती है पालिका

सूत्रों का कहना है कि शिवालिक नगर पालिका परिषद अपने किसी न किसी कृत्यो को लेकर लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। जिस पर संबंधित अधिकारियों व शासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

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