हरिद्वार, 12 अक्टूबर। मां चंडी देवी मंदिर परमार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा है कि नवरात्रों में की गई मां की आराधना संपूर्ण मानव जाति को अमोघ फल प्रदान करती है और प्रत्येक दिन देवी आराधना के साथ-साथ जो व्यक्ति कन्या पूजन भी करता है उसके सभी मनोरथ मां भगवती पूर्ण करती है और कन्या का अंतर्मन स्वयं ही प्रसन्न होकर साधक को आशीर्वाद प्रदान करता है। नील पर्वत स्थित सिद्ध स्थल मां चंडी देवी मंदिर के प्रांगण में श्रद्धालु भक्तों को मां की महिमा का सार बताते हुए महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा कि मां की कृपा का पूर्ण कृपा पात्र बनने के लिए हमें शुद्ध अंतःकरण और सभी विद्याओं का सार ग्रहण करने की आवश्यकता होती है। शुद्ध अंतःकरण वाले मोक्षार्थियो को आत्म कल्याण की प्राप्ति में निरंतर प्रयत्नशील रहना चाहिए। यही संदेश मां भगवती के स्वरूप संपूर्ण समाज को प्रदान करते हैं। महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा कि भगवती दुर्गा के भक्तों को नवरात्रि में जग जननी के नौ रूपों का कन्या पूजन श्रद्धा और समर्पण के साथ आचार विचार आहार एवं व्यवहार को शुद्ध रखते हुए करना चाहिए। ऐसा करने से मां दुर्गा के भक्तों का कल्याण होता है और सर्वजन हित की भावना का उदय होता है। क्योंकि कन्याएं मां दुर्गा का भौतिक रूप हैं। इनकी श्रद्धा भक्ति से पूजा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है और प्रसन्न होकर मनोवांछित फल प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि मां चंडी देवी की समस्त जग का कल्याण करती है। जो श्रद्धालु भक्त मां की शरण में आ जाता है। उसका उद्धार निश्चित है। मां कालरात्रि की उपासना मानव को मृत्यु के भय से मुक्ति प्रदान करती है। इनकी उपासना से प्रतिकूल ग्रहों द्वारा उत्पन्न की जाने वाली बाधाएं समाप्त हो जाती है और जातक अग्नि जल जंतु शत्रु आदि के भय से मुक्त हो जाता है। मां कालरात्रि अपने भक्तों को ब्रह्मांड की सभी सिद्धियों की प्राप्ति के लिए राह खोल देती है। शुभ फल प्रदान करने वाली मां कालरात्रि नकारात्मक तामसी और राक्षसी प्रवृत्तियों का विनाश करके भक्तों को दानव दैत्य राक्षस भूत प्रेत आदि से अभय प्रदान करती है। मां का यह स्वरूप ज्ञान और वैराग्य जागृत करता है और साधक को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।