हरिद्वार, 11 अक्टूबर। श्री स्वामीनारायण गद्दी संस्थान के प्रमुख ब्रह्मलीन पुरुषोत्तम प्रिय दास महाराज की अस्थि विसर्जन कलश यात्रा का आयोजन संजय पुल से लेकर हर की पौड़ी तक लंदन से आए बैंड बाजों के साथ धूमधाम से किया गया। केन्या, अमेरिका, लंदन, फ्रांस आदि से आए श्रद्धालु भक्तों की उपस्थिति में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूर्ण विधि विधान से हरकी पैड़ी पर अस्थि कलश को गंगा में विसर्जित किया गया। भूपतवाला स्थित परमार्थ निकेतन घाट पर ब्रह्मलीन स्वामी पुरुषोत्तम प्रिय दास महाराज को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए वर्तमान गद्दी नशीन जितेंद्रिय प्रियदास महाराज ने कहा कि संत परंपरा संपूर्ण विश्व का मार्गदर्शन कर धर्म एवं संस्कृति से लाभान्वित कर रहे हैं। त्याग एवं तपस्या की प्रतिमूर्ति ब्रह्मलीन स्वामी पुरुषोत्तम प्रिय दास महाराज एक दिव्य महापुरुष थे। जिन्होंने जीवन पर्यंत स्वामीनारायण संप्रदाय की परंपराओं का पालन करते हुए धर्म एवं संस्कृति का प्रचार प्रसार कर राष्ट्र निर्माण में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान किया। ऐसे महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेकर सभी को समाज सेवा में अपनी भूमिका प्रदान करनी चाहिए और धर्म एवं संस्कृति के मार्ग पर चलकर भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाना चाहिए। स्वामी भगवत प्रिय दास महाराज ने कहा कि महापुरुष केवल शरीर त्यागते हैं। उनकी शिक्षाएं अनंत काल तक समाज का मार्गदर्शन करती रहती हैं। ब्रह्मलीन स्वामी पुरुषोत्तम प्रिया दास महाराज एक दिव्य एवं महान संत थे। जिन्होंने समाज से जात पात ऊंच नीच का भेदभाव मिटाकर समरसता का संदेश दिया और एक आदर्श पूर्ण जीवन व्यतीत कर सदैव संतों की सेवा की। ऐसे महापुरुषों को संत समाज सदैव नमन करता है। दिव्यांजलि योगपीठ ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी देव ऋषि महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है। ब्रह्मलीन स्वामी पुरुषोत्तम प्रिय दास महाराज ने गरीब असहाय लोगों की मदद कर समाज को गो एवं गंगा संरक्षण की प्रेरणा दी। उनके बताए मार्ग पर चलकर स्वामी जितेंद्रिय प्रिय दास महाराज आज उनके अधूरे कार्यों को पूरा कर रहे हैं और उनके द्वारा प्रारंभ किए गए सेवा प्रकल्पों में निरंतर वृद्धि कर स्वामीनारायण संप्रदाय का मान बढ़ा रहे हैं। इस अवसर पर स्वामी धर्म नंदन दास महाराज, स्वामी दिव्य दर्शन दास महाराज, स्वामी दिव्य विभूषण दास महाराज, स्वामी सच्चिदानंद दास महाराज, लालजी भाई, भीमजीभाई, वेलजी भाई जीना, मनीष, रसिक भाई, बाबूभाई संगानी, हरिलाल, बीना बेन पटेल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।
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