हरिद्वार, 5 अगस्त। आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने नीलधारा तट स्थित श्री दक्षिण काली मंदिर पहुंचकर निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के साथ भगवान शिव का रुद्राभिषेक कर विश्व कल्याण की कामना की। इस दौरान स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि संत महापुरुषों द्वारा की गई आराधना निश्चित तौर पर संपूर्ण मानव जाति में धार्मिक ऊर्जा का संचार करती है। महापुरुषों का तपोबल राष्ट्र में एकता और अखंडता को कायम रखता है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज एक तपस्वी एवं विद्वान महापुरुष हैं, जो प्रत्येक सावन के महीने में कठिन साधना के माध्यम से राष्ट्र कल्याण की कामना करते हैं। भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के लिए गौरव की बात है कि स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज अनवरत रूप से चलने वाली संपूर्ण श्रावण मास की शिव आराधना के माध्यम से कोरोना काल में भी विश्व को धर्म का संदेश प्रदान कर रहे हैं। आचार्य स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव देवों के देव महादेव हैं। जो भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होकर उन्हें मनवांछित फल प्रदान कर उन्हें सुख समृद्धि से संपन्न करते हैं। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव की आराधना अमोघ फल प्रदान करने वाली है। अपनी शरण में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सभी आशाएं पूर्ण कर भोलेनाथ उन पर आने वाली सभी विपदाओं को दूर करते हैं। जो श्रद्धालु भक्त श्रावण मास में श्रद्धा पूर्वक विधि विधान से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करते हैं। उनका जीवन भवसागर से पार हो जाता है। सृष्टि के सर्वशक्तिमान देव भगवान आशुतोष की कृपा जिस व्यक्ति पर भी हो जाए। उसका जीवन सदैव उन्नति की ओर अग्रसर रहता है और वह व्यक्ति धन संपदा से संपन्न होकर बुलंदी की ऊंचाइयों को छूता है। इस दौरान श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज, आचार्य पवनदत्त मिश्र, लाल बाबा, पंडित प्रमोद पाण्डे, अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, कृष्णानंद ब्रह्मचारी, बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी, महंत सत्यानंद गिरी, आचार्य मनीष जोशी, स्वामी मोनू गिरी, महंत सुरेश गिरी, महंत विकास गिरी, स्वामी नत्थीनंद गिरी, नंदकिशोर जोशी, आदि उपस्थित रहे।
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