विक्की सैनी
हरिद्वार। चंडी देवी मंदिर से जुड़े विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। मंदिर के वर्तमान महंत रोहित गिरी महाराज ने प्रेस के माध्यम से गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि भवानी नंदन गिरी ना तो महंत हैं और ना ही चंडी देवी मंदिर ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी। इसके बावजूद वे स्वयं को महंत भवानी नंदन गिरी बताकर समाज एवं मीडिया को भ्रमित कर रहे हैं।
❖ “भवानी नंदन गिरी फर्जी महंत”—रोहित गिरी महाराज ने स्पष्ट कहा कि:
ट्रस्ट तथा परंपरा के अनुसार जब तक वर्तमान महंत जीवित हैं, तब तक किसी अन्य व्यक्ति को महंत घोषित नहीं किया जा सकता।चंडी देवी मंदिर में महंत की नियुक्ति वर्तमान महंत की मृत्यु के बाद, उनकी तेरहवीं पर, दशनाम गोस्वामी समाज और संत समाज की उपस्थिति में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार होती है।
इसके बावजूद भवानी नंदन गिरी ने नियमों का उल्लंघन करते हुए स्वयं को फर्जी तरीके से महंत घोषित कर लिया, जो परंपरा एवं ट्रस्ट कानून का स्पष्ट उल्लंघन है।
❖ मीडिया को भ्रमित करने का आरोप
महंत रोहित गिरी ने कहा कि:
भवानी नंदन गिरी एवं गीतांजलि द्वारा मीडिया को गलत जानकारी दी जा रही है। सोशल मीडिया पर महंत भवानी नंदन गिरी नाम से फेसबुक पेज बनाकर प्रचार किया जा रहा है, जो पूर्णतः भ्रामक और गैरकानूनी है। उन्होंने मीडिया से अपील की कि किसी भी प्रकार की खबर में भवानी नंदन को महंत न लिखा जाए, क्योंकि वे किसी स्तर पर पात्र नहीं हैं।
❖ कोर्ट भेजा जाएगा कानूनी नोटिस
रोहित गिरी महाराज ने बताया:
भवानी नंदन गिरी द्वारा नियमों के विरुद्ध की गई महंताई और खुद को “महंत” बताने के अवैध दावे को लेकर कोर्ट के माध्यम से लीगल नोटिस भेजा जा रहा है। ट्रस्ट और धार्मिक परंपरा का दुरुपयोग किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है।
❖ संपत्ति से बेदखली
महंत रोहित गिरी महाराज ने यह भी कहा कि:
गीतांजलि और भवानी नंदन गिरी को उनकी चल-अचल संपत्तियों से कानूनी रूप से बेदखल किया जा रहा है।
संपत्ति विवाद से जुड़ी सभी प्रक्रिया दस्तावेज़ी और कानूनी तरीके से की जा रही है।
❖ मामला धार्मिक समाज में चर्चा का विषय
चंडी देवी मंदिर, हरिद्वार के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है, ऐसे में महंत पद को लेकर यह विवाद संत समाज और स्थानीय धार्मिक समुदाय में चर्चा का विषय बना हुआ है।महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा कि वे इस मामले में पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए फर्जी दावों पर रोक लगाएंगे और चंडी देवी मंदिर की परंपरा व गरिमा की रक्षा करेंगे।





