हरिद्वार, 14 जून। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा है कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की कथा जीवन का उद्धार करने वाली कथा है। श्रद्धापूर्वक श्रीराम कथा का श्रवण करने मात्र से जीवन भवसागर से पार हो जाता है। जीवन की समस्त दुश्वारियां समाप्त हो जाती हैं और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। कनखल स्थित श्री हरेराम आश्रम में आयोजित श्रीराम कथा के आठवें दिन बतौर मुख्य अतिथि श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए आचार्य स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि धर्म के मार्ग पर अग्रसर होकर ही इंसान परमात्मा की भक्ति को प्राप्त कर सकता है। वर्तमान में प्रत्येक व्यक्ति अपने कार्यों में व्यस्त है। लेकिन व्यस्त समय से धर्म और भक्ति के लिए भी समय अवश्य निकालना चाहिए। प्रभु श्रीराम का जीवन समस्त विश्व के लिए प्रासंगिक है और भारतीय विरासत किसी एक समुदाय की नहीं बल्कि पूरी मानवता की है। रामकथा हमें आपस में जोड़ती है और श्रेष्ठ मानवीय मूल्यों के साथ जीने की शिक्षा देती है। इसलिए सभी को श्रीराम कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। श्रीराम कथा मर्मज्ञ संत विजय कौशल महाराज ने कहा कि संतों के सानिध्य में कथा श्रवण का अवसर सौभाग्यशाली व्यक्ति को ही प्राप्त होता है और गंगा तट पर धर्मनगरी हरिद्वार में इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। कलयुग में श्रीराम कथा ही भवसागर की वैतरणी है। जो व्यक्ति का जीवन पार लगाती है। हरेराम आश्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि श्रीराम कथा की सार्थकता सर्वकालिक है। इसलिए आज भारतीय संस्कृति और धर्म से प्रभावित होकर विदेशी लोग भी भारतीय सभ्यता और संस्कृति को अपना रहे हैं। युवा पीढ़ी को पाश्चात्य संस्कृति का त्याग कर अपने धर्म और संस्कृति के प्रति जागृत होना होगा। तभी सशक्त रामराज्य की कल्पना की जा सकती है। जिस प्रकार पृथ्वी के संपूर्ण जल का स्रोत समुद्र है। उसी प्रकार सभी जीव श्रीराम से उत्पन्न हुए हैं। जल के बिना समुद्र मिथ्या है और प्रभु श्रीराम के बिना जीवन का अस्तित्व नहीं है। इसलिए श्रीराम की कथा सर्वदा हितकारी है। नमामि यमुना अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल राजीव रावत, स्वामी कृष्ण मुनि, डा.जितेंद्र सिंह, विमल कुमार, प्रो.प्रेमचंद्र शास्त्री, नीलाम्बर खर्कवाल, रमेश उपाध्याय, रामचंद्र पाण्डेय, हरीश कुमार, डा.अश्वनी चैहान, मयंक गुप्ता ने फूलमाला पहनाकर सभी संतों का स्वागत किया। इस अवसर पर मुखिया महंत दुर्गादास, श्रीमहंत रघुमुनि, महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, कोठारी स्वामी परमेश्वर मुनि, स्वामी रामसागर, साध्वी प्रभा मुनि, स्वामी संतोषानंद, भाजपा नेत्री अनिता शर्मा, भाजपा नेता ओमकार जैन, महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, महंत दामोदर दास, महंत गोविंद दास, महंत प्रेमदास, महंत दामोदर शरण दास, महंत श्रवण मुनि, महंत निर्मल दास, महंत जयेंद्र मुनि, महामंडलेश्वर स्वामी भगवत स्वरूप, महंत केशव मुनि आदि मौजूद रहे।
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