हरिद्वार। मां चंडी देवी मंदिर परमार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा है कि नवरात्र पर्व के दौरान शक्ति की देवी मां दुर्गा की आराधना का विशेष महत्व है। मां भगवती की आराधना का श्रेष्ठ समय नवरात्र पर्व ही है। मां भगवती साधक की उपासना से प्रसन्न होकर आध्यात्मिक एवं मानसिक शक्तियों में वृद्धि प्रदान करती है। इसलिए हमें सात्विक मन से माँ की आराधना अवश्य करनी चाहिए। नील पर्वत स्थित सिद्धस्थल मां चंडी देवी मंदिर के प्रांगण में नवरात्र पर्व के पांचवें दिन श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा कि जगत जननी माँ जगदंबा सर्वत्र समान रूप से व्याप्त है। परंतु व्यक्ति को इसका बोध नहीं होता। श्रद्धापूर्वक की गई उपासना व्यक्ति की आत्मा का परमात्मा से साक्षात्कार करवाती है। उपासना का अर्थ होता है कि हम उसके दिव्या गुणों को स्वयं में धारण करें। इसी कारण पूजन कार्य में ऐसे प्रतिको का प्रावधान किया जो साधक को जीवन संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि मां चंडी देवी ममता का सागर है। जो अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाती हैं। पवित्र मन से की गई उपासना भक्तों को सहस्र गुना पुण्य फल प्रदान करती है। नवरात्र पर शक्ति उपासना के बीच आत्म संयम से इच्छाशक्ति को मजबूत करने का मकसद निहित है। हम सभी को नवरात्र पर सदबदलाव का संकल्प लेना चाहिए। महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा कि नवरात्र के दिनों में साधकों के साधन का फल कभी व्यर्थ नहीं जाता। सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होकर देवी भगवती भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती है। शरीर को शुद्ध रखने के लिए और तन मन को निर्मल और पूर्ण रूप से स्वस्थ रखने के लिए नवरात्र पर्व सर्वोत्तम है। शरीर की शुद्ध बुद्धि एवं उत्तम विचारों से ही उत्तम कर्म, कर्मों से सच्चरित्रता और मन शुद्ध होता है। स्वच्छ मन मंदिर में ही ईश्वर की शक्ति का स्थाई निवास होता है। इसलिए सात्विक मन से संपूर्ण नवरात्र माता स्वरूपी बाल कन्याओं का पूजन भी अवश्य करना चाहिए। इस अवसर पर पंडित पंकज रतूड़ी, पंडित देशवाल शास्त्री, पंडित राजेश कुकशाल, पंडित नवल किशोर, पंडित अमित बेलवाल, पंडित रोहित डबराल, पंडित मनमोहन कंडवाल, विशाल कश्यप, सुनील कश्यप, मोहित राठौड़, पंडित बैजनाथ भट्ट, मोगली उषा ब्रेको कंपनी से मनोज डोभाल, अवनीश त्रिपाठी, त्रिलोक शर्मा सहित अनेक श्रद्धालु भाग उपस्थित रहे।





