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कामाख्या तंत्र पीठ के शीर्षस्थ महापुरूष मंहत दर्शनमुनि नागा बाबा महाराज पंचतत्व में विलीन

स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा संत शिरोमणि दर्शनमुनि नागा बाबा महाराज का इतिहासः- आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास

हरिद्वर 02 दिसम्बर। कामाख्या तंत्र पीठ उदासीन सम्प्रदाय के शीर्षस्थ महापुरुष संत शिरोमणि दर्शनमुनि नागा बाबा महाराज कमौली वाले वाराणसी के पंचतत्व में विलीन हो गये। उदासीन सम्प्रदाय के संत महापुरूष एवं श्रीमहंत, षड्दर्शन संत समाज एवं समस्त भक्त गणों ने भारी संख्या में उपस्थित होकर ब्रह्मलीन मंहत दर्शनमुनि महाराज को श्रद्वासुमन अर्पित किये। बनखंडी साधुबेला पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास महाराज ने उन्हे श्रद्वाजंलि अर्पित करते हुए कहा कि संत शिरोमणि ब्रह्मलीन महंत दर्शन मुनि महाराज एक युग प्रवर्तक थे। जिन्होंने अपने संपूर्ण जीवन काल में युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर राष्ट्र को एक नई दिशा प्रदान की। समाज कल्याण में उनका अतुल्य योगदान सदैव स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। संत समाज ऐसे महापुरुषों को नमन करता है। और आशा करता है कि युवा समाज उनके जीवन का अनुसरण करते हुए राष्ट्र निर्माण में अपनी सहभागिता को सुनिश्चित करे।ं महंत गणेश दास महाराज एवं श्रीमहंत भरतदास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत दर्शन दास नागा बाबा महाराज जैसे उच्च कोटि के विद्वान एवं तपस्वी संत केवल शरीर त्यागते है।ं उनकी शिक्षाएं अनंत काल तक समाज का मार्गदर्शन करती है।ं उनका प्रेरणादाई जीवन सभी के लिए प्रासंगिक है। उनके द्वारा गंगा तट से प्रारंभ किए गए सेवा के प्रकल्प जीवन पर्यंत समाज को लाभान्वित करते रहेंगे। महंत महेश मुनि एवं उदासीन बाबा चंद्रमौली महाराज ने ब्रह्मलीन महंत दर्शन दास महाराज को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है। और महापुरुषों ने सदैव ही समाज को नई दिशा प्रदान की है। ब्रह्मलीन महंत दर्शन मुनि महाराज एक महान संत थे। जिनका आदर्श पूर्ण जीवन हमेशा समाज का मार्गदर्शक बना रहेगा। ऐसे महापुरुष समाज को विरले ही प्राप्त होते है।ं संत समाज आशा करता है कि राष्ट्र को उन्नति की ओर अग्रसर करने के लिए ऐसे ही संत समाज प्रयासरत रहे और देश में राम राज्य की स्थापना हो। इस अवसर पर महंत गणेशदास महाराज इटावा, श्रीमहंत भरतदास महाराज रानोपाली, एवं श्री उदासीन विद्यालय के प्रबंधक स्वामी निर्मलदास महाराज, स्वामी ज्योतिर्मयानंद, स्वामी राममुनि, स्वामी विष्णुदास, एवं काशी का संतसमाज उपस्थित रहा। पूज्य महाराज श्री की मुखाग्नि क्रिया में महंत महेश मुनि, उदासीन बाबा चन्द्रमौली महाराज, खड़ेश्वरी महाराज, दिनेश मुनि एवं महंत गणेशदास शिष्य मंडल की भी उपस्थिति रही। जिसमें प्रदीप गुप्ता अंबिकापुर, डाॅ0 बृजेश सिंह बिलासपुर, चन्द्रशेखर उपाध्याय, रमाकांत गुप्ता, सियाराम गुप्ता, श्यामलाल जायसवाल, डाॅ0 रामराज उपाध्याय एवं धर्मवीर सिंह यादव इटावा, ज्ञानेन्द्र यादव, ज्ञानू सहित हजारों की संख्या में श्रद्वालु एवं संत महापुरूष उपस्थित रहे।

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