हरिद्वार, 11 अगस्त। वैष्णव अनी अखाड़ों के संतों ने नील पर्वत स्थित नीलेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया और मंदिर के परमाध्यक्ष महंत प्रेमदास महाराज से भेंट वार्ता की। इस दौरान महंत प्रेमदास महाराज ने कहा कि वैष्णवअखाड़ों की गौरवशाली परंपराएं विश्व विख्यात है और राष्ट्रीय एकता अखंडता को बनाए रखने में बैरागी संतो की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि त्रिनेत्र धारी भगवान शिव संपूर्ण श्रावण मास अपने भक्तों पर विशेष कृपा की वर्षा कर उन्हें अमोघ फल प्रदान करते हैं। जो दीन दुखी दीनानाथ के दरबार में आ जाता है। उसकी सभी अभिलाषा पूर्ण कर भगवान उन्हें मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। अखिल भारतीय श्री पंच निर्माेही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि संत महापुरुषों के मार्गदर्शन में व्यक्ति के उत्तम चरित्र का निर्माण होता है। नीलेश्वर महादेव मंदिर एक पौराणिक सिद्ध स्थल है। जहां आने वाले श्रद्धालु भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। श्रद्धा पूर्वक की गई शिव उपासना कभी निष्फल नहीं जाती। भक्त और भगवान के बीच श्रद्धा और भक्ति का अटूट संगम ही देश में धर्म को प्रचारित प्रसारित कर रहा है। अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज एवं अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़े के श्रीमहंत राम किशोर दास शास्त्री महाराज ने कहा कि महंत प्रेमदास महाराज एक विद्वान महापुरुष हैं। जो वयोवृद्ध अवस्था में भी सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर राष्ट्र निर्माण में अपना अतुल्य योगदान प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संत महापुरुष हमेशा ही अपने भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। नीलेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन करने का अवसर सौभाग्यशाली व्यक्ति को प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव की जटा से निकलने वाली पतित पावनी मां गंगा युगो युगो से प्राणी मात्र का उद्धार करती चली जा रही है। गंगा तट पर भगवान शिव का सानिध्य जिस व्यक्ति को प्राप्त हो जाए उसका जीवन भवसागर से पार हो जाता है।





