हरिद्वार:- जिले के लक्सर क्षेत्र के ग्राम टांडा भागमल में संचालित Honest Recycling Private Limited को वाहन स्क्रैपिंग सुविधा हेतु दिए गए अनुमोदन को लेकर अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं। कंपनी को परिवहन विभाग द्वारा वाहन स्क्रैपिंग यूनिट स्थापित करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन इस अनुमति की प्रक्रिया, नियमों के अनुपालन और कंपनी के संचालन पर गंभीर शंकाएँ उठ रही हैं।सूत्रों के अनुसार, स्थानीय स्तर पर यह जानकारी सामने आ रही है कि कंपनी को वाहन स्क्रैपिंग के लिए विभागीय पंजीकरण एवं अनुमोदन दिया गया है, लेकिन इसकी तारीख, अनुमोदन देने वाले अधिकारी एवं विभाग का पूरा विवरण स्पष्ट नहीं है। साथ ही यह भी सवाल है कि कंपनी ने अब तक कितने वाहनों को स्क्रैप किया है और उसका वर्षवार रिकॉर्ड क्या है।इसके अलावा, पर्यावरणीय मानकों का पालन इस प्रकार की यूनिट के लिए सबसे अहम शर्त है। इस संबंध में यह जानना जरूरी है कि क्या कंपनी पर्यावरणीय नियमों और मानकों का पालन कर रही है तथा क्या इसकी निरीक्षण/ऑडिट रिपोर्ट समय-समय पर तैयार और विभाग को सौंपी गई है। यदि हाँ, तो इन रिपोर्टों में क्या-क्या बिंदु सामने आए हैं, यह भी सवाल बना हुआ है।स्थानीय लोगों की यह भी मांग है कि यदि कंपनी के विरुद्ध अब तक कोई शिकायत, जांच या विभागीय कार्रवाई हुई हो तो उसे सार्वजनिक किया जाए। क्योंकि वाहन स्क्रैपिंग यूनिट का सीधा संबंध पर्यावरण, प्रदूषण और सड़क सुरक्षा से है।जानकारी यह भी सामने आ रही है कि कंपनी को पंजीकरण देते समय कुछ विशेष शर्तें और नियम लागू किए गए थे, लेकिन यह साफ नहीं है कि कंपनी उन शर्तों का पालन कर रही है या नहीं। साथ ही कंपनी के पास प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से स्वीकृति (Pollution Control Board Approval) होना अनिवार्य है, जिसकी स्थिति पर भी संदेह जताया जा रहा है।विशेषज्ञों का मानना है कि वाहन स्क्रैपिंग नीति का मूल उद्देश्य सड़कों से पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हटाना तथा पर्यावरण संरक्षण करना है। ऐसे में यदि पंजीकृत कंपनियाँ नियमों का पालन नहीं कर रही हैं, तो यह सीधे-सीधे पर्यावरण और आम जनता की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा है।अब देखना यह होगा कि संबंधित विभाग इन सवालों पर कब तक स्थिति स्पष्ट करता है और कंपनी के संचालन से जुड़ी असली तस्वीर कब सामने आती है।
