हरिद्वार। सनातन रक्षक परिषद द्वारा आयोजित सनातन सम्मान एवं गंगा महोत्सव का भव्य उद्घाटन आचार्य श्री बालकृष्ण महाराज, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, स्वामी रूपेंद्र प्रकाश जी ने दीप प्रज्वलित कर किया। ऋषिकुल आयुर्वैदिक कॉलेज के सभागार में उद्घाटन किया गया। वर्ष 2005 हर की पौड़ी हरिद्वार से शुरू हुआ गंगा महोत्सव मां गंगा की आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से गंगा की संस्कृति को लोगों तक पहुंचाना और मां गंगा के प्रति जागरूक को लेकर गंगा महोत्सव का आयोजन लगातार 15 वर्षों से होता हुआ आ रहा है। सनातन रक्षक परिषद और सत्य ऑनलाइन द्वारा आयोजित गंगा महोत्सव पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा आज युग है सनातन का और सनातन को आगे बढ़ाने के लिए लगातार सत्य ऑनलाइन और सनातन रक्षक परिषद भारत मे लगातार कार्य कर रहा है। यही नहीं लोगों में जागरूकता पहुंचाना सनातन के प्रति जागरूक करने के लिए लगातार कार्यक्रमों का आयोजन होता है। तीर्थ नगरी हरिद्वार में 16वां गंगा महोत्सव सनातन सम्मान समारोह 2025 में लोगों को और छोटी-छोटी उभरती बाल प्रतिभाओं को जागरूक करने का प्रयास किया गया।यही नहीं सत्य ऑनलाइन प्रोडक्शन के द्वारा सनातन को जागरूकता बढ़ाने के लिए एक भव्य फिल्म सनातन रक्षक का निर्माण किया जा रहा है। जो सभी वर्गों को एकजुट करने का मील का पत्थर साबित होगी। यही नहीं लोगों के प्रति लगातार सनातन के प्रति जागरूकता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। सनातन पुरातन संस्कृति का का आधार है। कई संतो द्वारा सनातन संस्कृति को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। मैं सनातन रक्षक परिषद सत्य ऑनलाइन को अपनी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। सनातन के लिए हम लगातार कार्यरत है। हमें उन लोगों को भी ध्यान रखना चाहिए जो लगातार सनातन के प्रचार प्रसार के लिए काम कर रहे हैं। यही नहीं प्रयागराज का कुंभ इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। सनातन में किसी जाति का कोई महत्व नहीं है। सनातन धर्म एक प्राचीन और समृद्ध धर्म है, जो भारत में उत्पन्न हुआ और आज विश्वभर में फैला हुआ है। ये धर्म एकेश्वरवाद,कर्म और पुनर्जन्म के सिद्धांतों पर आधारित है। आज के समय में सनातन धर्म का महत्व और भी बढ़ गया है क्योंकि यह धर्म हमें एकता करुणा और नैतिकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। हमें सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों को समझना और उनका पालन करना चाहिए,अपने समाज में सनातन धर्म के मूल्यों को फैलाने के लिए काम करना चाहिए सनातन धर्म में एक सर्वशक्तिमान ईश्वर की पूजा की जाती है। इस अवसर पर स्वामी आचार्य बालकृष्ण जी ने कहा विभिन्न रूपों में पूजा जाता है। सनातन धर्म में कर्म के सिद्धांतों को माना जाता है जिसके अनुसार व्यक्ति के कर्मों के आधार पर उसका अगला जन्म तय होता है धर्म, अर्थ,काम और मोक्ष सनातन धर्म में जीवन के चार उद्देश्यों को माना जाता है। धर्म नैतिक जीवन के लिए अर्थ आर्थिक स्थिरता काम सुख और संतुष्टि और मोक्ष मुक्ति के लिए। आज सनातन धर्म फिर से खड़ा हो रहा है और उसका पूरा शरीर आप सभी को क्योंकि आप सभी लोगों ने अपने आपको पहचाना शुरू कर दिया है। आप समझ गए हैं कि बिना सनातन धर्म के मूल्यों को समझे हुए हम अपनी संस्कृति अपने देश और अपने समाज को मजबूत नहीं कर सकते हैं। सनातन धर्म अनेकता में एकता की शक्ति है इसमें जातियों के लिए कोई जगह नहीं है। बस हमें यही समझना है, कि हम सब सनातनी हैं,और इसी उद्देश्य के साथ हमें आगे बढ़ाना है इस अवसर पर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर स्वामी विनयानंद गिरी सनातन रक्षक परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री पुरुषोत्तम शर्मा, राष्ट्रीय सचिव स्वामी निर्मल दास जी, सुधांशु वत्स, मानवेंद्र सिंह, पंजाब के अध्यक्ष मजिन्दर सिंह, रविंद्र कौशिक, नरेश छेत्री, प्रवेश सैनी,आकांक्षा पाठक सचिव आदि लोग सम्मिलित रहे।





