हरिद्वार। मदरहुड यूनिवर्सिटी में चल रहे अवैध निर्माण का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। 2021 से चल रहे अनाधिकृत निर्माण पर आज-तक किसी प्रकार की कार्रवाही न होना एचआरडीए अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठा रहा हैं। सूत्रों कि मानें तो भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा आरोपी एमएमडीए में तैनात एई जोकि आजकल अपनी कार्यशैली के कारणवश टिहरी में अठैच हैं वह रूड़की पुहाना रोड़ स्थित मदरहुड यूनिवर्सिटी संचालक का पारिवारिक सदस्य बताया जा रहा हैं। इसी के चलते यूनिवर्सिटी संचालक अपने पारिवारिक सदस्य एई का विभाागीय अधिकारियों पर रौब गालिब करता आया हैं। यूनिवर्सिटी संचालक द्वारा लगातार अवैध निर्माण किए जाने का सिलसिला जारी हैं। मामले को लेकर हरिद्वार रानीपुर निवासी व्यक्ति ने मुख्यमंत्री समाधान पोर्टल पर शिकायत करते हुए कार्रवाही की मांग की है। रुड़की पुहाना रोड पर मदरहुड यूनिवर्सिटी का कई माह से बिना रोक-टोक प्राधिकरण के नियमों के विपरीत अवैध निर्माण किया जा रहा है। जिसकी शिकायत पूर्व में भी कई बार विभाग को शिकायत की जा चुकी है। परंतु संबंधित विभाग में बैठा भ्रष्टचार के आरोपो से घिरा एई विभागीय और संचालक कार्रवाही करने वाले अधिकारियों की मिलीभगत से कार्रवाही ठण्डे बस्ते में डाली जाती रही हैं। मुख्यमंत्री समाधान पोर्टल पर की गई शिकायत में शिकायतकर्ता ने पूरे मामले में निष्पक्ष जाँच एवं मौका स्थल का निरीक्षण कराकर अवैध निर्माण को सील एवं ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने की मांग की हैं। साथ ही कहा हैं कि जिस अधिकारी की भी इस मामले में संलिप्तता पाए जाने पर उसके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाए। शिकायत कर्ता ने आरोप लगाया कि टिहरी में तैनात एई के खिलाफ हरिद्वार-रूड़की प्राधिकरण में वीसी रहते दीपक रावत ने कार्यशैली को लेकर टिपण्णी करते हुए मूल विभाग में भेजे जाने की आवास विभाग से सिफारिश की थी। अवैध निर्माणों के मामले में एवं यूनिवर्सिटी के अवैध निर्माण को संरक्षण देने वाले एई की वजह से लगातार सरकार को राजस्व के हानि पहुंच रही है। तथा भू.माफियाओं के हौसले बुलंद है। हाल ही में हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण कार्यालय में यूनिवर्सिटी संचालक द्वारा विभागीय अधिकारी से की गई अभद्रता हौंसला बुलंदी की बानगी हैं। शिकायत कर्ता का कहना हैं कि छोटे-छोटे निर्माणों को सील करने वाला टिहरी में अठैच भ्रष्टाचार का आरोपी एई के रिश्तेदार का निर्माण अवैध होने पर भी नियमानुसार कार्रवाही से वंचित क्यों हैं? और अवैध यूनिवर्सिटी पर के निर्माण पर कार्रवाही में 3 साल का समय क्यों और किसके दबाव में कार्रवाही नहीं हुई भ्रष्टाचार मुक्त सरकार को इस बात की जांच करानी चाहिए
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