मां गंगा के प्रति स्वच्छता का ख्याल रखें श्रद्धालु – महंत रामदास
हरिद्वार, 8 जून। श्री परशुराम ब्राह्मण धर्मशाला समिति के तत्वाधान में बैरागी कैंप स्थित श्री परशुराम घाट पर सफाई अभियान चलाया गया। जिसमें दर्जनों समिति के सदस्यों ने परशुराम घाट के आसपास जमा कूड़े कचरे को एकत्रित कर घाट की सफाई की। इस दौरान समिति के अध्यक्ष पवन शर्मा ने कहा कि पतित पावनी मां गंगा जगत की पालनहार है। जिसकी स्वच्छता और निर्मलता को बनाए रखना प्रत्येक भारतवासी का कर्तव्य है। मां गंगा के प्रति करोड़ों श्रद्धालु भक्तों की आस्था है। जिसका सम्मान सभी को करना चाहिए। उन्होंने हरिद्वार आने वाले श्रद्धालु भक्तों से अपील करते हुए कहा कि घाटों पर गंगा स्नान के बाद कपड़े थैली प्लास्टिक की केन आदि छोड़कर ना जाए। बल्कि उसे आसपास रखे डस्टबिन में डालें। यात्रियों की लापरवाही गंगा की अविरलता के लिए खतरा होती है। उन्होंने कहा कि मां गंगा मोक्षदायनी है जो भक्तों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है। मां गंगा का अस्तित्व है। तभी भारत का अस्तित्व है। इसलिए मां गंगा की स्वच्छता के प्रति सभी को सजग रहना चाहिए और उसे स्वच्छ एवं निर्मल बनाने में अपना योगदान प्रदान करना चाहिए। श्री ज्ञान गंगा गौशाला के अध्यक्ष महंत रामदास महाराज ने कहा है कि पतित पावनी मां गंगा युगो युगो से अविरल व निर्मल बहकर प्राणी मात्र का उद्धार करती चली आ रही है और मोक्ष की प्रदाता है। जिसकी स्वच्छता, निर्मलता, अविरलता करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है और मां गंगा के आचमन मात्र से ही व्यक्ति के मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। बाहर से आने वाले श्रद्धालु भक्त मां गंगा के प्रति श्रद्धा भाव रखते हुए उसकी स्वच्छता का भी ख्याल रखें। बड़े स्नान पर हरिद्वार में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त गंगा स्नान को आते हैं। लेकिन गंगा स्नान के द्वारा अपने कपड़े, प्लास्टिक और कचरा इत्यादि भारी मात्रा में गंगा घाटों पर छोड़ जाते हैं। हम सभी भारत वासियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मां गंगा की निर्मलता बनाए रखने में सभी का सहयोग अनिवार्य है। किसी एक व्यक्ति विशेष के द्वारा मां गंगा को स्वच्छ नहीं रखा जा सकता। यात्री श्रद्धालु इस बात का स्वयं ध्यान रखें कि गंगा स्नान करने के बाद घाटों पर किसी प्रकार की गंदगी ना करें। कोरोना काल को देखते हुए भी स्वच्छता अति आवश्यक है। उन्होंने गंगा दशहरा के अवसर पर हरिद्वार आने वाले तीर्थ यात्रियों से अपील की है कि स्नान के दौरान पूर्णा नियमों का पालन करें और गंगा की स्वच्छता का अवश्य ध्यान रखें। धर्मपाल शर्मा ने कहा कि हरिद्वार तीर्थ नगरी और ऋषि मुनियों की तपस्थली है। जहां आने मात्र से भक्तों के जन्म जन्मांतर के पुण्य का उदय हो जाता है और जीवन में सुख समृद्धि का वास होता है। मां गंगा गोमुख से लेकर गंगासागर तक लाखों-करोड़ों श्रद्धालु भक्तों का उद्धार करती चली आ रही है। इसलिए मां गंगा के आसपास गंदगी ना फैलाएं और इसके लिए दूसरों को भी जागृत करें। ताकि मां गंगा का अविरल स्वरूप व्याप्त रहे। इस अवसर पर हुकुमचंद, शेरा, शिवदत्त, डा.धर्मपाल, जय भगवान शर्मा, श्यामलाल, हरिराम, रामचंद्र, किशनदत्त शर्मा, अमृतलाल, दिनेश सोनी, अशोक चैरसिया, पवन सोनी, पवन वर्मा, कृष्ण कुमार वर्मा, अनिल दीक्षित आदि उपस्थित रहे।