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एस.एम.जे.एन. (पी.जी.) काॅलेज में राष्ट्रीय सांख्यिकीय दिवस पर पी.सी. महालानोबिस को दी श्रद्धाजंलि

सतत् विकास की अवधारणा के तहत निर्धारित हो नीति निर्माण : डाॅ. बत्रा राष्ट्रीय सांख्यिकी
हरिद्वार 29 जून, एस.एम.जे.एन. (पी.जी.) काॅलेज में राष्ट्रीय सांख्यिकीय दिवस के अवसर पर आज कालेज के सभागार में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें सर्वप्रथम सांख्यिकी वेत्ता पी.सी. महालानोबिस को श्रद्धाजंलि अर्पित की गयी। इस अवसर पर काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि मानव शरीर पंच महातत्वों जल, वायु, अग्नि, पृथ्वी और आकाश से मिलकर बना है सतत् विकास की अवधारणा को पोषित करने के लिए लिए इन पंच महातत्वों को संरक्षित किया जाना अनिवार्य है। उन्होनें कहा कि इन सभी तत्वों के गुणात्मक एवं गणनात्मक आंकड़ो का संकलन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सतत् विकास की अवधारणा के तहत नीति निर्माण निर्धारित होंना चाहिए । सांख्यिकी प्रणाली एवं आर्थिक योजना निर्माण के क्षेत्रों में स्वर्गीय प्रोफेसर पी.सी. महालानोबिस ने उल्लेखनीय योगदान दिया। डाॅ. बत्रा ने कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकीय दिवस को मनाने का उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक, योजना निर्माण एवं नीति निर्माण सांख्यिकी के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना है जो सतत् विकास पर आधारित हों। सांख्यिकी की महत्ता को रेखांकित करना और नियोजन तथा नीति निर्माण के क्षेत्र में आंकड़ों की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए वर्ष भर ठोस प्रयास करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह विषय सांख्यिकीय प्रणाली और उत्पादों में गुणवत्ता के अनिवार्य मानकों के अनुपालन के महत्व को दर्शाता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने बताया कि आंकड़ें कभी खुशी कभी गम की सतत् प्रक्रिया को दर्शाते हैं। समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष डाॅ. जगदीश चन्द्र आर्य ने कहा कि सांख्यिकी अंकों का खेल नहीं अपितु देश में विकास की आधारशिला है। अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डाॅ. रूचिता सक्सेना ने बताया कि आंकड़े गुणात्मक व मात्रात्मक दो प्रकार के होते हैं। निर्णयन क्षमता को इन आंकड़ों द्वारा प्रभावी बनाया जा सकता है। वैज्ञानिक आंकड़ें जहाँ वर्तमान के विकास केा बताते हैं वहीं भविष्य के सतत् विकास के लिए भी आवश्यक हैं, किसी भी देश की योजनाओं को बिना आकड़ों के नहीं बताया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सतत् विकास आवश्यक है। डाॅ. सक्सेना ने बताया कि महालानोबिस ने भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आई.एस.आई.) की स्थापना के लिए बड़े पैमाने पर नमूना सर्वेक्षण की योजना में भी अपना अतुल्य योगदान दिया। इससे पूर्व डाॅ. लता शर्मा, अंकित अग्रवाल, छात्रा अर्शिका, कामना त्यागी व छात्र विशाल बंसल को प्रश्नोत्तरी में सही उत्तर देने पर प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा द्वारा पुरस्कृत किया गया।इस अवसर पर डाॅ. लता शर्मा, डाॅ. विजय शर्मा, डाॅ. अमिता मल्होत्रा, दिव्यांश शर्मा, आस्था आनन्द, अंकित अग्रवाल, श्रीमती रिंकल गोयल सहित काॅलेज के विभिन्न छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहें.

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