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वैष्णव संतों ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष से की बैरागी कैंप में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग

विक्की सैनी

कुंभ मेले में बैेरागी संतों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी-श्रीमहंत नरेंद्र गिरी

हरिद्वार, 23 दिसंबर। बैरागी अणी अखाड़ों के संतों ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद गिरी महाराज से भेंट कर कुंभ मेले के दौरान मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की। मायापुर स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष से भेंटवार्ता के दौरान श्रीपंच निर्वाणी अणी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि बैेरागी कैंप क्षेत्र में कुंभ मेला कार्य नहीं कराए जाने से बैरागी संतों में रोष बना हुआ है। शासन प्रशासन लगातार बैरागी संतों की उपेक्षा कर रहा है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अखिल भारतीय श्री पंच रामानन्दीय खाकी अखाड़ा के महंत मोहनदास महाराज ने कहा कि कुंभ मेले के दौरान लाखों की संख्या में वैष्णव संत बैरागी कैंप में अपने शिविर लगाते हैं। मेला प्रशासन से बार बार मांग करने के बाद भी अभी तक अखाड़ों को जमीन आवंटित नहीं की गयी है। ऐसे में बैरागी अखाड़ों के संत कंुभ मेले की तैयारियां नहीं कर पा रहे हैं। सरकार और मेला प्रशासन बैरागी कैंप बिजली, पानी, शौचालय व अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ कुंभ मेला कार्य भी जल्द से जल्द पूरे करे। जिससे किसी भी श्रद्धालु भक्त अथवा संत महापुरूषों को असुविधा का सामना ना करना पड़े। श्रीपंच निर्मोही अणी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास व दिगंबर अणी अखाड़े के अध्यक्ष महंत किशनदास महाराज ने कहा कि कुंभ मेला शुरू होने में बहुत कम समय बचा है। शासन प्रशासन ने कुंभ मेला आयोजन को लेकर बैरागी कैंप में कोई भी कार्य शुरू नहीं किया है। जो बैरागी संतों के प्रति मेला प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने बैरागी संतों को आश्वासन देते हुए कहा कि वे लगातार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से कुंभ मेला कार्यो व अखाड़ों में उपलब्ध करायी जाने वाली मूलभूत सुविधाओं को लेकर वार्ता कर रहे हैं। बैेरागी संतों को कुंभ मेले दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। बैरागी कैंप में जल्द जल्द से सभी आवश्यक सुविधाएं अखाड़ों को उपलब्ध करायी जाएंगी। इस दौरान महंत गौरीशंकर दास, म.म.स्वामी ईश्वरदास, महंत रामशरण दास, महंत अगस्त दास, महंत मनीष दास, महंत सुखदेव दास, महंत राजकुमार दास, महंत पुष्कर दास आदि संतजन मौजूद रहे।

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