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एकादश रुद्रपीठ आश्रम में ब्रह्मविद्या योग पीठम् गुरु गद्दी का संत समाज ने किया विधिवत शुभारंभ

दैहिक, दैविक एवं भौतिक ताप निदान हेतु संतों का मार्गदर्शन आवश्यक – राजगुरु स्वामी संतोषानंद सरस्वती

हरिद्वार। एकादश रुद्रपीठ आश्रम भारत माता पुरम में ब्रह्म विद्या योग पीठम् गुरु गद्दी का परम्परा गत रूप से विधिवत गंगा, देव,कन्या, संत,आचार्य गौ, ब्राह्मण पूजा के साथ शुभारंभ हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानन्द महाराज के सानिध्य में संत समाज ने पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर राजगुरु स्वामी संतोषानंद सरस्वती महाराज को पीठासीन कर एवं शुभकामनायें प्रदान कर भारतीय सनातन संस्कृति, सभ्यता, साहित्य के संरक्षण हेतु सराहना करते हुए समाज को लाभान्वित करने के लिए इसे महत्वपूर्ण कदम बताया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि इस गद्दी का लाभ यूं तो देश विदेश से जुड़े लाखों भक्तों को प्रत्येक पूर्णिमा पर ग्वालियर में गद्दी पर मिलता है। लेकिन अब प्रति अमावस्या को गद्दी का लाभ एकादश रुद्रपीठ हरिद्वार में भी भक्तों को प्राप्त होगा। प्रति अमावस्या पर दैहिक, दैविक, एवं भौतिक ताप निदान व जिज्ञासा समाधान हेतु सेवा प्रकल्प के साथ श्री हनुमान सत्संग धाम सेवा समिति ग्वालियर के अन्य इकसठ संचालित सेवा प्रकल्पों का लाभ भक्तों को निःशुल्क रूप से मिलेगा ।
चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि राजगुरु स्वामी संतोषानंद सरस्वती महाराज अपने ज्ञान और तप के माध्यम से भारतवर्ष के कोने-कोने में भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे हैं जिनकी वृद्धावस्था सराहनीय एवं युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादाई है. राजगुरु स्वामी संतोषानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि धार्मिक, आध्यात्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, राजनैतिक, एवं आध्यात्मिक सेवा प्रकल्प मण्डल प्रमुखों को जन सेवा साधना का लाभ मिलेगा। साथ ही भारतवर्ष से आने वाले हर श्रद्धालु भक्तों को उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थिति एवं यहां के धार्मिक स्थलों के दर्शन से जीवन में सुख समृद्धि का लाभ भी प्राप्त होगा। हम सभी को मिलकर भारत वर्ष की महिमा को जानना होगा। और व्यवहार में लाकर जीवन पथ पर अग्रसर होकर दायित्व निर्वाहन करने के लिए सक्षम बनना होगा। युवा भारत साधु समाज के महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि हम सभी का सौभाग्य है कि वयोवृद्ध अवस्था में राजगुरु स्वामी संतोषानंद सरस्वती महाराज का सानिध्य हम सभी को प्राप्त हो रहा है। हम सभी को उनके आदर्श पूर्ण जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में अपनी सहभागिता को सुनिश्चित करना चाहिए। इस अवसर पर बाबा हठयोगी, महंत दुर्गादास, महंत शिवानंद, स्वामी दिनेश दास, महंत प्रह्लाद दास, महामनीषी निरंजन स्वामी महंत सूरज दास, स्वामी हरिहरानंद, महंत सुतीक्षण मुनि, महंत रामेंद्र बिहारी दास सहित अन्य संत महापुरुष उपस्थित रहे।

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