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भूल सुधार करे सरकार वरना गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रहे-महंत ज्ञानदास

हरिद्वार, 16 मई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत ज्ञानदास महाराज ने बैरागी कैंप में भगवान हनुमान का मंदिर व निर्माणाधीन संत निवास तोड़े जाने पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रशासन को इस तरह का रवैया कतई नहीं अपनाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य में संतों के दम पर ही भाजपा की सरकार बनी है। लेकिन सनातन संस्कृति पर कुठाराघात करने का काम किया जा रहा है। मंदिर व संत निवास ध्वस्तीकरण के आदेश किसकी शह पर दिए गए। बैरागी कैंप को राजनैतिक अड्डा किसी भी रूप से नहीं बनने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों द्वारा मंदिर तोड़ा गया। उन्हें तत्काल सरकार को पदमुक्त कर देना चाहिए। राज्य के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पूरे घटनाक्रम का संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई को सुनिश्चित करना चाहिए। क्योंकि जिस प्रकार से तीरथ सिंह रावत का नाम है। अपने नाम के अनुरूप ही उन्हे संत मर्यादाओं का ध्यान रखते हुए कार्य करने होंगे। जिस प्रकार उन्होंने महाकुंभ मेले में संतों के शाही स्नान पर पुष्पवर्षा कर अपने आपको देश का सबसे बड़ा हिंदू हितैषी साबित किया। संतों ने भी उनकी प्रशंसा की। लेकिन बैरागी कैंप में भगवान हनुमान का मंदिर तोड़े जाने की जितने भी कड़े शब्दों में निंदा की जाए, उतना कम है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द जल्द तोड़े गए मंदिरों को बनवाकर मूर्ति स्थापना करे और महावीर हनुमान से क्षमा याचना करे। धर्म विरोधी कार्य करने वाले सरकारे ज्यादा दिन तक सत्ता में नही रहती। इसलिए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपनी भूल सुधार कर तत्काल मंदिर का पुर्ननिर्माण कर मूर्ति स्थापना कराए।

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