हरिद्वार, 24 जुलाई। निर्धन निकेतन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज ने कहा है कि गुरु अपने शिष्य को सांसारिक और आध्यात्मिक ज्ञान देने के साथ-साथ हमेशा उसकी सुरक्षा एवं बुरे कर्मों से दूर रखने की कोशिश करते हैं। इसलिए प्रत्येक शिष्य को जीवन में अच्छे गुरु और एक गुरु को सच्चे मेहनती शिष्य की परम आवश्यकता होती है। जिससे आने वाली पीढ़ी का निरंतर मार्गदर्शन हो सके। भूपतवाला स्थित आश्रम में श्रद्धालु भक्तों को गुरु शिष्य परंपरा का महत्व समझाते हुए स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज ने कहा कि गुरु शिष्य दोनों के मन में समर्पण एवं लगन के भाव होना जरूरी है। क्योंकि इसके बिना ऐच्छिक लक्ष्यों की प्राप्ति नहीं की जा सकती है। गुरु शिष्य का रिश्ता जीवन पर्यंत बना रहता है। प्रत्येक शिष्य को अपने जीवन में गुरु को नहीं भूलना चाहिए। दुनिया का सबसे मजबूत हिस्सा गुरु और उनकी शिक्षा होती है। गुरु ज्ञान के बगैर शिष्यों का जीवन अधूरा है। बड़े-बड़े लोग भी अपने गुरुओं के समक्ष सिर झुका कर उनका सम्मान करते हैं। गुरुओं के सत्कार में उनके शिष्य कोई कमी नहीं छोड़ते। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में गुरु के प्रति समर्पण भाव रखकर उनका आदर सम्मान करते हुए उनके बताए रास्ते पर चलना चाहिए और दूसरे लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।
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