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धार्मिक अनुष्ठानों एवं नारायण सेवा का पर्व है कुंभ मेला-शंकराचार्य अधोक्षजानंद तीर्थ

हरिद्वार, 16 अप्रैल। महावीर सेवा सदन आभा बागरोडिया चैरिटेबल ट्रस्ट कलकत्ता श्री आद्य शंकराचार्य धर्मोत्थान संसद के संयुक्त तत्वावधान में बैरागी कैम्प में स्थित निर्मोही आणि अखाड़े में चल रहे दो दिवसीय नेत्र परीक्षण एवं चश्मा वितरण शिविर का समापन हो गया। पुरी के शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देव तीर्थ महाराज के सानिध्य ओर निर्मोही आणि के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत राजेन्द्र दास की देख रेख में गुरुवार को दो दिवसीय नेत्र परीक्षण एवं चश्मा वितरण का शिविर बैरागी कैम्प स्थित निर्मोही अखाड़े में प्रारम्भ हुआ था। जिसका शुक्रवार शाम को समापन हुआ। दो दिवसीय नेत्र परीक्षण एवं चश्मा वितरण शिविर का कुम्भ में आये साधु संतों, श्रद्धालुओं ओर पुलिस कर्मियों सहित प्रशासन के लोगों ने भारी संख्या में लाभ उठाया और लगभग 1000 लोगो को चश्मा वितरण किया गया। शिविर में डा.सौरव साव के नेतृत्व में कलकत्ता से आये 10 सदस्यीय विशेषज्ञों एवं स्थानीय स्वयंसेवको के दल ने मरीजों का नेत्र परीक्षण कर चश्मे वितरित किए। शिविर के समापन के अवसर पर बोलते हुए पुरी शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देव तीर्थ ने कहा कि कुम्भ पर्व धार्मिक अनुष्ठानो और नारायण सेवा का पर्व है। जिसमे जहां एक ओर धार्मिक अनुष्ठान किये जाते है तो वही सामाजिक संस्थाएं श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य के लिए शिविरों का आयोजन भी करती है। इसी क्रम में कलकत्ता के प्रसिद्ध उद्योगपति विनोद बागरोदिया के अथक प्रयासों से आभा बागरोदिया चैरिटेबल ट्रस्ट देश भर में चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। ट्रस्ट की और से हरिद्वार कुम्भ में भी अपना योगदान देते हुए नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। जिसके किये वे साधुवाद के पात्र हैं। इस अवसर पर शंकराचार्य ने कुम्भ में आये साधु संतों व श्रद्धालुओं से कोविड 19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कुम्भ मेला करने की सलाह भी दी। अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि कुंभ मेला सेवा का संदेश भी आमजन को देता है। इसी के तहत महावीर सेवा सदन आभा बागरोड़िया चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। सभी को सेवा कार्यो में सहयोग करना चाहिए। इस दौरान महामण्डलेश्वर सांवरिया बाबा, महंत प्रह्लाद दास, महंत दुर्गादास, महंत रामजी दास, महंत रामकिशोर दास शास्त्री, महंत रामशरण दास, महंत रामदास, महंत नरेंद्र दास, महंत महेश दास, नागा महंत सुखदेव दास, महंत मनीष दास, ब्रह्माण्ड गुरू अनन्त महाप्रभु, महंत सिंटू दास, महंत अगस्त दास, महंत मोहनदास खाकी, महंत भगवानदास खाकी आदि संतजन भी मौजूद रहे।

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