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कालकाजी मंदिर के श्रीमहंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने जगद्गुरू शंकराचार्य को दिया मठ मंदिर मुक्ति आंदोलन में शामिल होने का निमंत्रण


जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम होंगे आंदोलन में शामिल
मंदिर अधिग्रहण मुद्दे पर संत समाज करेगा प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात
-स्वामी कैलाशानंद गिरी
हरिद्वार, 6 नवम्बर। नई दिल्ली स्थित श्री कालकाजी मंदिर के श्रीमहंत सुरेंद्रनाथ अवधूत महाराज ने मठ मंदिरों को बचाने के लिए संत समाज से एकजुट होकर संघर्ष करने की अपील की है और हरिद्वार के प्रमुख संतों से मुलाकात कर 21 नवम्बर को कालकाजी मंदिर में अखिल भारतीय संत समिति के तत्वाधान में आयोजित मठ मंदिर मुक्ति आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया। श्रीमहंत सुरेंद्रनाथ अवधूत महाराज ने कनखल स्थित जगद्गुरू आश्रम पहुंचकर शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्रवराश्रम महाराज से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया और कहा कि हिंदू मठ मंदिरों का शोषण भारत में अनेक वर्षो से होता आ रहा है। राज्य सरकारों द्वारा अधिगृहित लगभग चार लाख मंदिर मुक्ति की राह देख रहे हैं और सरकारें साधु संतों का शोषण कर मात्र हिंदू मठ मंदिरों को निशाना बनाकर उन पर रिसीवर बैठा रही हैं। उन्होंने जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्रवराश्रम महाराज से आग्रह किया कि 21 नवम्बर को आयोजित होने वाले आंदोलन में पहुंचकर संत समाज का मार्गदर्शन करें। जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्रवराश्रम महाराज ने कहा कि इसके लिए सरकारों से बातचीत की जाएगी और संत महापुरूषों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी ना हो इसके लिए भी संत समाज एकजुट होगा।
श्री दक्षिण काली मंदिर में निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने श्रीमहंत सुरेंद्रनाथ अवधूत महाराज का शाॅल ओढ़ाकर स्वागत किया और मठ मदिर मुक्ति आंदोलन को लेकर चर्चा करते हुए अपनी ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में पूरे विश्व में सनातन संस्कृति एवं साधु संतों का सम्मान बढ़ा है। प्रधानमंत्री मोदी सनातन प्रेमी एवं संतों के अत्यन्त प्रिय हैं। मंदिर अधिग्रहण के मुद्दे पर संत समाज उन्हें अवगत कराएगा ओर जल्द ही उनसे मुलाकात कर मठ मदिर अधिग्रहण को लेकर चर्चा भी करेगा।
श्रीमहंत सुरेंद्रनाथ अवधूत महाराज ने कहा कि आजादी के 78 वर्ष बाद भी हिन्दु मन्दिरों का शोषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि दान दक्षिणा से संचालित होने वाले मठ मंदिरों एवं आश्रमों के माध्यम से संत समाज धर्म के संरक्षण संवर्द्धन में अपनी भमिका निभाता चला आ रहा है। विपरीत परिस्थितियों में संत समाज सरकार के साथ हमेशा खड़ा रहता है। संत समाज सदैव ही अपने सामाजिक दायित्व का भी निर्वन करता चला आ रहा है। मात्र हिंदू मठ मंदिरों का अधिग्रहण करना न्यायसंगत नहीं है। सरकारों को संतों की गरिमा का ध्यान रखते हुए अधिग्रहण वापस लेना चाहिए। श्रीमहंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, स्वामी ऋषिश्वरानंद, महंत साधनानंद सहित कई संतों से मुलाकात कर उन्हें आंदोलन में शामिल होने का निमंत्रण दिया।

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