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श्री दक्षिण काली मंदिर में संतों ने खेली फूलों की होली

बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है होली-आचार्य म.म.स्वामी कैलाशानंद गिरी

हरिद्वार, 19 मार्च। श्री दक्षिण काली मंदिर में निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के सानिध्य में संतों ने फूलों और रंगों की होली खेली और विश्व कल्याण की कामना की। पुष्पवर्षा कर और अबीर गुलाल उड़ाकर सभी को होली की शुभकामनाएं देते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि प्यार भरे रंगों से सजा भारतीय संस्कृति का सबसे खूबसूरत पर्व होली धर्म, संप्रदाय एवं जाति के बंधन तोड़कर समाज को एकता भाईचारे का संदेश देता है। बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व होली सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। राक्षक कुल में जन्म भक्त प्रह्लाद ने भगवान विष्णु की भक्ति नहीं छोड़ी। उनकी भक्ति और विश्वास से प्रसन्न होकर श्रीहरि ने उन्हें साक्षात दर्शन देकर उनकी रक्षा की। भक्ति और विश्वास की विजय हुई और बुराई की प्रतीक होलिका अग्नि में जलकर भस्म हो गयी। होली प्रत्येक देशवासी के जीवन में खुशहाली लाए यही संत समाज की कामना है। आरएसएस नेता पदम सिंह ने कहा कि होली पर्व ईष्र्या द्वेष की भावना का त्याग कर समाज में समरसता की स्थापना का संदेश भी देता है। एकता और प्रेम का प्रतीक होली पर्व पूरी दुनिया में मनाया जाता है। स्वामी अवंतिकानन्द ब्रह्मचारी महाराज एवं लालबाबा ने सभी को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि होली पर्व समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त करने का संदेश देता है। इसलिए सभी को होली पर कुरीतियों को दूर करने का संकल्प लेना चाहिए। प्रेम एवं सद्भाव युक्त सशक्त समाज का निर्माण हो यही इस पर्व की साथर्कता है। इस अवसर पर जूना अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा के कई संत मौजूद रहे। इस दौरान पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ब्रजरानी, किशनचंद, संजय जैन, स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी, मुकुंदानंद ब्रह्मचारी, आचार्य पवनदत्त मिश्र, पंडित प्रमोद पाण्डे, स्वामी अनुरागी महाराज, अनुराग वाजपेयी, अनुज दुबे, रामसिंह आदि मौजूद रहे।

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