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सदैव कल्याणकारी होती है भगवान शिव की आराधना-स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी

हरिद्वार, 8 जुलाई। श्री दक्षिण काली पीठीधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने श्रावण मास के तीसरे दिन विभिन्न प्रकार के फूलों व द्रव्यों से भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर विश्व कल्याण की कामना करते हुए कहा कि महादेव भगवान शिव की आराधना सदैव कल्याणकारी होती है। श्रावण माह भगवान शिव को प्रसन्न कर उनकी कृपा पात्र करने का सबसे बेहतर अवसर है। श्रावण में प्रतिदिन विधि विधान से भगवान शिव का पूजन व जलाभिषेक करने पर उनकी कृपा सदैव बनी रहती है। शिव कृपा से साधक के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव अपने भक्तों पर सदैव कृपा बरसाते हैं। इस समय पूरा संसार कोरोना वायरस से पीड़ित है। संसार का कल्याण करने वाले भगवान शिव की कृपा से कोरोना का प्रकोप जल्द समाप्त होगा। उन्होंने कहा कि श्रावण मास में की गयी शिव उपासना सहस्त्र गुणा पुण्य फलदायी होती है। भगवान शिव पर दूध, दही, भांग, धतूरा आदि अर्पित करने से भगवान साधक पर प्रसन्न होते हैं और उसे अपनी कृपा का पात्र बना लेते हैं। भक्त की सूक्ष्म आराधना से ही भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि श्रावण मास में भक्तों को भगवान शिव का जलाभिषेक अवश्य करना चाहिए। भक्तों की सभी मनोकामनाएं भोलेनाथ की कृपा से पूर्ण होती हैं। कष्टों से मुक्ति पानी है तो भगवान शिव स्मरण करते रहें। स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि प्रत्येक वर्ष श्रावण मास में श्री दक्षिण काली मंदिर में भगवान शिव का दुग्धाभिषेक व जलाभिषेक किया जाता है। श्रावण मास में भक्तजनों को सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा अर्चना करनी चाहिए। उन्होंने शिव भक्त कांवड़ियों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते धर्मनगरी में शिव भक्त कांवड़ियों के आगमन पर रोक लगायी गयी है। ऐसे में शिवभक्त कांवड़ियों को सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए घर में रहकर ही भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए। इस दौरान आचार्य पवनदत्त मिश्र, पंडित प्रमोद पाण्डे, स्वामी विवेकानंद ब्र्हम्मचारी, बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी, अंकुश शुक्ला, सागर ओझा, अनूप भारद्वाज, पंडित शिवकुमार शर्मा आदि मौजूद रहे।

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