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भारतीय संस्कृति का दिव्य महापर्व है मकर संक्रांति-श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

हरिद्वार, 14 जनवरी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि मकर संक्रांति सनातन भारतीय संस्कृति का दिव्य एवं रहस्यमय महापर्व है। इस दिन सूर्यदेव काल चक्र की मकर राशि में प्रवेश कर जाते हैं। इस दिन तिल, खिचड़ी, गर्म वस्त्रों का दान अधिक पुण्यकारी होता है।
श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने श्रद्धालु भक्तों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मकर संक्रांति स्नान पर्व पर गंगा स्नान को बहुत उत्तम माना गया है। यह पापों का प्रायश्चित करने का दिन है। इस दिन तिल के लड्डू बनाए जाते हैं। काले ओर सफेद तिल के लड्डू और तिल गंगा में अर्पित कर स्नान किया जाता है। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति को अपना दिव्य कमंडल भरकर और उसे जनमानस में बांटकर अकाल ग्रस्त लोगों की भूख मिटाकर महत्वपूर्ण बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति वर्ष का पहला स्नान पर्व है। इस दिन सूर्य भगवान मकर राशि में प्रवेश करता है। इस दिन गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के बाद सफेद, काले तिल का दान करने से मनोकामना पूर्ण होती है और पापों से मुक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए ही मकर संक्रांति स्नान पर्व मनाया गया। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि शारीरिक दूरी सहित सरकार की गाइडलाइन का पालन अवश्य करना चाहिए। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी खत्म करने का जो मंत्र दिया है। सभी देशवासियों को उसका पालन करना चाहिए। तभी देश सुरक्षित रह सकता है। इस अवसर पर श्रीमहंत रामरतन गिरी, महंत गंगा गिरी, स्वामी आशुतोष पुरी, दिगम्बर रवि वन, स्वामी राजगिरी, अनिल शर्मा, डा.सुनील बत्रा आदि मौजूद रहे।

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