Dharm

अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना के लिए अवतरित हुए भगवान श्रीराम-स्वामी रामरिक्ष पाल

हरिद्वार, 26 अप्रैल। खोजी द्वाराचार्य पीठ के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी रामरिक्ष पाल देवाचार्य महाराज ने कहा है कि मानव मात्र के कल्याण के लिए प्रभु श्रीराम ने अवतार लेकर अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना की थी और एक आदर्श और कल्याणकारी समाज का उदय हुआ। बैरागी कैंप स्थित त्रिवेणी धाम में आयोजित रामनवमी के छठ उत्सव कार्यक्रम में संत समागम को संबोधित करते हुए स्वामी रामरिक्ष पाल देवाचार्य महाराज ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जन-जन के आराध्य है और प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में विराजमान हैं। सभी को उनके आदर्शो को अपनाकर सत्य के मार्ग पर चलते हुए समाज कल्याण के लिए सहयोग करना चाहिए। महामंडलेश्वर स्वामी बजरंग देवाचार्य महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीराम ने अपने जीवन के चरित्र के माध्यम से समाज में उच्च आदर्शों को स्थापित किया। जो आज भी सभी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम ने सत्य के मार्ग पर चलते हुए वनवास को पूरा कर समाज में फैली हुई बुराइयों का समापन किया। उनके जीवन आदर्शों से प्रत्येक व्यक्ति को सीख लेकर सत्य के मार्ग पर अग्रसर रहना चाहिए। सत्य का मार्ग ही अंत में व्यक्ति को विजय बनाता है। महामंडलेश्वर सांवरिया बाबा एवं महामंडलेश्वर ईश्वरदास महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीराम अविनाशी परमात्मा हैं जो सब के सृजनहार व पालनहार हैं। जिनकी स्तुति में 33 करोड़ देवी देवता नतमस्तक रहते हैं। जो पूर्ण मोक्ष दायक एवं स्वयंभू हैं। ऐसे प्रभु श्रीराम की आराधना मात्र से ही व्यक्ति का जीवन भवसागर से पार हो जाता है। महंत मनीष दास महाराज ने कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का फूल माला पहनाकर स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया और कहा कि कुंभ मेले के दौरान उत्तराखंड की पावन भूमि पर जहां भी संत समागम का आयोजन हो जाता है। वह सदैव के लिए पूजनीय हो जाता है। संतो के दिव्य दर्शन सौभाग्यशाली व्यक्ति को प्राप्त होते हैं। सभी को सदैव धर्म के मार्ग को अपनाकर राष्ट्र कल्याण में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। जन जन के सहयोग से ही राष्ट्र उन्नति की ओर अग्रसर होगा। इस दौरान चर्तु संप्रदाय के श्रीमहंत दिनेश दास, श्रीमहंत रासबिहारी दास, श्रीमहंत फूलडोल दास, महंत मोहन दास खाकी, महंत भगवान दास खाकी, महंत बलराम दास, महंत बलदेव दास, महंत रामचरण दास, महंत बालयोगी दास, महंत सियाराम दास, महंत राजू दास, महंत प्रेमदास, महंत विष्णु दास, महंत प्रह्लाद दास, महंत रघुवीर दास, ब्रम्हांड गुरू अनंत महाप्रभु, महंत रामदास, महंत रामजी दास आदि सहित बड़ी संख्या में संत महंत उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *