हरिद्वार, 13 अप्रैल। श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति में उत्तम चरित्र का निर्माण होता है और उसके जीवन के सभी कष्ट दूर होकर अध्यात्मिक व अलौकिक विकास होता है। उक्त उद्गार भूपतवाला स्थित कमल कल्याण आश्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरि महाराज ने आश्रम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम अवसर पर श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा में सभी ग्रंथों का सार निहित है और इसका फल हजारों अश्वमेघ और वाजपेई यज्ञ से भी अधिक है। इसका पठन और श्रवण दोनों ही सुलभ हैं और कथा की सार्थकता तभी है। जब हम इसमें निहित ज्ञान को अपने जीवन में अपनाकर उसे अपने व्यवहार में शामिल करें। स्वामी कमलानंद गिरि महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा साक्षात भगवान कृष्ण की वाणी है। जिससे श्रवण से भगवान श्री हरि की कृपा असीम रूप से भक्तों पर बरसती है और भक्तों के मन के साथ-साथ अंतः करण की भी शुद्धता हो जाती है। देवभूमि उत्तराखंड और हरिद्वार की पावन धरा पर कथा श्रवण का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। वास्तव में सौभाग्यशाली व्यक्ति को ही भागवत दर्शन अवसर प्राप्त होता है। युगों युगों के पुण्य उदय होने पर व्यक्ति के जीवन में यह अवसर आता है जब उसे श्रीमद् भागवत श्रवण का अवसर प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि हम सभी को भगवान की भक्ति में लीन होकर सत्य के मार्ग को अपनाना चाहिए। सत्य के मार्ग पर अग्रसर रहने वाले प्रत्येक श्रद्धालु भक्तों को प्रभु श्री हरि अपनी कृपा का पात्र बना लेते हैं।
