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श्रीराम कथा के श्रवण से उत्तम चरित्र का निर्माण होता है-महामनीषी निरंजन स्वामी

राकेश वालिया


हरिद्वार, 04 नवम्बर। महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने कहा है कि श्रीराम कथा के श्रवण से व्यक्ति में उत्तम चरित्र का निर्माण होता है जिससे वह स्वयं को सफल बनाकर अपने कल्याण का मार्ग प्रषस्त करता है। भारतमातापुरम स्थित पुरूषार्थ आश्रम एवं षिवा हिन्दू मंदिर के तत्वावधान में नकलंक धाम में आयोजित श्रीराम कथा के दूसरे दिन श्रद्धालु भक्तों को सम्बोधित करते हुए निरंजन स्वामी महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीराम जन-जन के अराध्य है और प्रत्येक श्रद्धालु भक्त के मन में विराजते हैं। जो श्रद्धालु भक्त भगवान श्रीराम के आदर्षो को अपनाकर सत्य के मार्ग पर अग्रसर रहता है उसका जीवन भव सागर से पार हो जाता है। जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामण्डलेष्वर स्वामी अर्जुन पुरी महाराज ने कहा कि श्रीराम कथा मां गंगा की भांति बहने वाली ज्ञान की अविरल धारा है जिसे जितना ग्रहण करो उतनी ही जिज्ञासा बढ़ती है और प्रत्येक सत्संग से अतिरिक्त ज्ञान की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि गंगा तट पर कथा श्रवण का विषेष महत्व है। निष्चित तौर पर ही कथा के माध्यम से श्रद्धालु भक्तों में धार्मिक उर्जा का संचार होगा और विष्व में फेल रही कोरोना महामारी ईष्वरीय कृपा से जल्द समाप्त होगी। कथा व्यास देवी ऋचा मिश्रा ने कहा कि श्रीराम कथा के श्रवण मात्र से भक्तों का कल्याण हो जाता है। सच्चे मन से जो श्रोता कथा का श्रवण करते हैं उनके जन्म जन्मान्तर के पापांे का विनाष होता है और जीवन में ज्ञान का प्रकाष होता है। उन्होंने कहा कि गुरू गद्दी के सानिध्य में कथा श्रवण करने से सहस्त्रगुणा पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसलिये व्यक्ति को समय निकालकर कथा का श्रवण अवष्य करना चाहिए। इस अवसर पर स्वामी सत्यव्रतानंद, महंत राजेन्द्रदास बापू, देवी निहारिका, स्वामी राजराजेष्वर, पंडित अवि शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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