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सनातन धर्म के संरक्षण संवर्धन और प्रचार प्रसार में वैष्णव संतो का अहम योगदान -आचार्य बालकृष्ण

हरिद्वार, 13 मई। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण महाराज ने बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़ा पहुंचकर विश्व कल्याण हेतु आयोजित कोटी होमात्मक श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति में हिस्सा लिया और राष्ट्र रक्षा एवं धर्म रक्षा की कामना की। यज्ञ में सम्मिलित होने पर वैष्णव संतो ने आचार्य बालकृष्ण महाराज का फूल माला पहनाकर एवं शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। इस दौरान आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि वैष्णव संतो से उनका गहन प्रेम है और हमेशा ही वह वैष्णव अखाड़ों के किसी भी कार्य के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि जो स्नेह और सम्मान वैष्णव संतो द्वारा उन्हें दिया गया है। वह किसी भी पद प्रतिष्ठा से कहीं ऊपर है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के संरक्षण संवर्धन और प्रचार प्रसार में वैष्णव संतो का अहम योगदान है। इनकी तप तपस्या भारत के इतिहास में हमेशा स्मरणीय रही है। उन्होंने कहा कि पतंजलि योगपीठ समाज हित के लिए लगातार कार्य कर रहा है और योग विज्ञान और ज्ञान को जोड़कर समाज और संतों की सेवा करना ही उनका लक्ष्य है। जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य महाराज वयोवृद्ध अवस्था में भी भावी पीढ़ी को संस्कारवान बना रहे हैं। यह एक सच्चे महापुरुष की योग्यता और साधना को दर्शाता है। ऐसे महापुरुषों के माध्यम से ही सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति युगों युगों तक समाज के बीच जीवंत रहेगी। मंगल पीठाधीश्वर स्वामी माधवाचार्य महाराज ने आचार्य बालकृष्ण महाराज को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि आज पतंजलि योगपीठ अपने आयुर्वेद और योग के माध्यम से पूरे विश्व में भारत की एक अलग छवि को दर्शा रही है। जो संपूर्ण देश के लिए गौरव की बात है। आचार्य बालकृष्ण महाराज जड़ी बूटी के प्रखर ज्ञाता है और अपनी विद्वत्ता के माध्यम से समाज में फैली असाध्य बीमारियों का निवारण कर रहे हैं। संत समाज इनकी दीर्घायु की कामना करता है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में संतों का हमेशा ही अहम योगदान रहा है और आचार्य बालकृष्ण तो संत समाज का गौरव हैं। जिन्होंने भारत सहित संपूर्ण विश्व में पतंजलि योगपीठ के माध्यम से आयुर्वेद और विज्ञान को एक साथ जोड़ कर एक नया आयाम स्थापित किया है। जिसकी कल्पना वर्तमान युग में संभव नही थी। उन्होंने कहा कि संतो के प्रति अपना समर्पण भाव रखने वाले ऐसे महापुरुष ही सनातन धर्म के संरक्षण संवर्धन में उपयोगी साबित हो रहे हैं। जिनकी उदारता और कार्यकुशलता सभी को लुभाती है। पतंजलि योगपीठ संपूर्ण विश्व भर के लिए योग और आयुर्वेद का उत्तम केंद्र है। आचार्य बालकृष्ण महाराज ने महायज्ञ में सम्मिलित होकर समाज को धर्म का सकारात्मक संदेश प्रदान किया है। वह अपने विद्वत्ता के माध्यम से अनंत काल तक समाज का मार्गदर्शन करते रहें ऐसी संत समाज कामना करता है। श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के संपूर्ण होने पर जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य महाराज ने सभी सनातन प्रेमियों के कल्याण की कामना की और आचार्य बालकृष्ण महाराज को शाॅल ओढ़ाकर उनका सम्मान किया। इस अवसर पर निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत रामजी दास, मंत्री महंत नरेंद्र दास, महंत राजेंद्र दास, महामंडलेश्वर स्वामी गरीबराम दास, महामंडलेश्वर स्वामी रामकृष्ण दास, महामंडलेश्वर स्वामी बृजमोहन दास, महंत रामप्रवेश दास, महंत सीताराम दास, महंत बिहारी शरण, महंत रघुवीर दास, महंत अंकित शरण, महंत सूरज दास, महंत दुर्गादास, स्वामी ऋषिश्वरानंद, महंत जसविंदर सिंह, महंत राजेंद्रदास, साध्वी विजयलक्ष्मी, साध्वी जयश्री, महंत गोविंद दास सहित बड़ी संख्या में संत महंत उपस्थित रहे।

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