विक्की सैनी
हरिद्वार, 31 जुलाई। अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अणी अखाड़े के सचिव राष्ट्रीय सचिव महंत रामशरण दास महाराज ने प्रदेश सरकार की मंशा पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि सरकार हिन्दू समाज के प्रति भेदभाव पूर्ण नीति अपना रही है। हिन्दुओं के प्रमुख धार्मिक क्रियाकलापों पर कोरोना काल में पूर्ण रूप से अंकुश लगाया गया। कांवड़ यात्रा, नवरात्र, गंगा स्नान, चारधाम यात्रा स्थगित कर दी गयी। लेकिन सरकार ने बकरा ईद को लेकर भेदभाव पूर्ण नीति अपनाते हुए लाॅकडाउन के नियमों में बदलाव कर शनिवार व रविवार को होने वाले लाॅकडाउन को स्थगित कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे सरकार हिन्दु विरोधी मानसिकता का पता चलता है। उन्होंने कहा कि राज्य में बकरा ईद मनाने वालों सरकार द्वारा पूरी तरह से छूट दिया जाना सरासर गलत है। सरकार की नीतियां स्पष्ट व सभी वर्गो के लिए समान होनी चाहिए। एक ओर तो सरकार हिन्दुओं के त्यौहारों पर अंकुश लगा रही है और दूसरे धर्म के लोगों को उनके त्यौहार मनाने के लिए पूरी छूट दे रही है। कोरोना काल में ईद पर जानवर कटेंगे तो इससे संक्रामक रोग फैलने का खतरा रहेगा। हरिद्वार में लगातार कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं। ऐसे में लाॅकडाउन में छूट मिलने से बाजारों में भीड़ जुटेगी और कोरोना संक्रमण और फैलेगा। महंत अगस्त्य दास ने कहा कि भेदभावपूर्ण नीति अपनाकर सरकार क्या साबित करना चाहती है। रक्षाबंधन के बहाने सरकार ने बकरा ईद पर मुस्लिम समाज को छूट प्रदान कर दी। सरकार को सभी धर्म समुदायों को उनके त्यौहार मनाने की समान रूप से छूट देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति बंद करे। वरना संत समाज विरोध करने पर बाध्य होगा।