विक्की सैनी
शासन आदेश निरस्त ना होने पर सरकार पर उठाए सवाल
हरिद्वार, 9 जुलाई। हर की पैड़ी से होकर गुजरने वाली जलधारा को स्कैप चैनल की बजाए गंगा घोषित कराने को लेकर धर्मनगरी के साथ एकजुट हो गए हैं। बड़ा अखाड़ा के संतों ने गुरुवार को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी से मुलाकात कर इस मुद्दे पर उनसे विचार विमर्श किया। मौजूदा सरकार के चार साल के कार्यकाल में भी पुराना शासनादेश निरस्त ना होने पर भी संतों ने सवाल उठाएं।
श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन के श्रीमहंत दुर्गादास ने गुरुवार को श्रीमहंत रविन्द्र पुरी से भेंट करते हुए कहा कि वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सप्त सरोवर से होकर हरकी पैड़ी, गऊ घाट, कुशावर्त आदि गंगा घाटों से गुजरने वाली जलधारा को स्कैप चैनल घोषित करने का शासनादेश जारी कर करोड़ों सनातन धर्मावलंबियों की भावनाओं को आघात पहुंचाया था। वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने इस शासनादेश को निरस्त करने का आश्वासन दिया था, लेकिन चार साल गुजरने के बावजूद शासन आदेश निरस्त नहीं किया गया। जिससे सरकार की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्री महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि गंगा सिर्फ हरिद्वार ही नहीं विश्व भर के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक ह।ै संत समाज इस पर अब चुप बैठने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को आगामी कुंभ की तैयारियों को अमलीजामा पहनाने के साथ-साथ पुराना शासनादेश निरस्त करना चाहिए। श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की अगुवाई में सभी अखाड़े व संतजन इस मुद्दे पर एकमत हैं। गंगा को कलंकित करने वाला वर्ष 2016 का शासनादेश रद्द कराकर ही दम लिया जाएगा।