Dharm

सनातन धर्म में गुरू का सर्वोच्च स्थान है-स्वामी कैलाशानंद गिरी

हरिद्वार, 24 जुलाई। निंरजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म में गुरू का सर्वोच्च स्थान है। कनखल स्थित आद्य शक्ति महाकाली मंदिर में गुरू पूर्णिमा के अवसर भक्तों को आशीर्वाद देते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि मां के बाद गुरु को ही सबसे ऊंचा स्थान दिया गया है। जिंदगी में सफल होने के लिए गुरु का आशीर्वाद बहुत जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि गुरू केवल अक्षर ज्ञान ही नहीं सिखाते बल्कि शिष्य को जीवन ज्ञान भी देते हैं। गुरु से मिले ज्ञान व शिक्षा को आत्मसात कर ही जीवन रूप नैया को भवसागर से पार ले जाया जा सकता है। गुरूपूजन करने आए भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए उन्होंने कहा कि आदि अनादि काल से भारतीय संस्कृति में गुरू परंपरांओं को महत्वूर्ण स्थान रहा है। गुरू ही शिष्य को अंधकार की और से प्रकाश की और ले जाता है। उन्होंने कहा कि गुरू सेवा के माध्यम से शिष्य प्रगति के मार्ग पर अग्रसर होता है। संत महापुरूष अपने ज्ञान व तपोबल से समाज का मार्गदर्शन करते हैं। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि विभिन्न राज्यों आए श्रद्धालु भक्तों का आह्वान करते हुए कहा कि गुरू परंपरांओं का निर्वहन ठीक रूप से किया जाना चाहिए। उन्होंने गुरू पर्व पर भक्तों को गंगा स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, पाॅलीथीन, नशा मुक्ति का संकल्प भी दिलाया। इस दौरान सीएमओ डा.अर्जुन सिंह सेंगर, राजेंद्र पाराशर, चंद्रशेखर यादव, सर्व ब्राह्मण महासभा के अनूप भारद्वाज, पंडित आशीष शर्मा, लवकुमार दत्ता, आशीष पंत, मनीष पंत, राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भृगुवंशी आशुतोष पाण्डे, गौरव कौशिक आदि सहित कई राजनीति दलों के प्रतिनिधियों ने स्वामी कैलाशानंद गिरी का पूजन कर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, कृष्णानंद ब्रह्मचारी, मुकुंदानंद ब्रह्मचारी, लालबाबा, आचार्य पवन दत्त मिश्र, पंडित प्रमोद पाण्डे आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *