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संतों व पुलिस के बीच समन्वय बनाने में सीओ अखाड़ा प्रबोध घिल्डियाल ने निभायी सेतू की भूमिका

हरिद्वार, 1 मई। श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि हरिद्वार कुंभ इसलिए ऐतिहासिक बन गया है कि पहली बार सभी 13 अखाड़ों ने विधिवत गंगा पूजन के साथ शाही स्नान किया। कोविड के कारण असमंजस की स्थिति के बीच प्रशासन द्वारा अधूरी तैयारियो से जहां संत लगातार नाराज थे। वहीं पुलिस विभाग की और से सीओ अखाड़ा नियुक्त किए गए प्रबोध कुमार घिल्डियाल ने पुलिस प्रशासन तथा संतो के बीच आपसी समन्वय बनाए रखने में एक सेतु का काम किया। श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि 1984 में उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल के रूप में भर्ती होने वाले प्रबोध कुमार अभी हाल ही में पुलिस उपाधीक्षक बने हैं। उत्तर प्रदेश के 2 पूर्ण कुंभ में सेवा देने के साथ उत्तराखंड में 2 अर्ध कुंभ और 2 महाकुंभ में यातायात व्यवस्था संभालने में अपनी भूमिका भूमिका निभाने वाले घिल्डियाल को आईजी कुंभ मेला ने सीओ अखाड़ा की जिम्मेदारी सौंपी थी। सीओ अखाड़ा की जिम्मेदारी का निर्वहन करे हुए प्रबोध कुमार घिल्डियाल ने अपने व्यवहार से जहां संतो को पुलिस प्रशासन के साथ जोड़े रखा। संतो की सुरक्षा व्यवस्था से लेकर मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि कुंभ मेले में संतों को सुरक्षा देने वाले सीओ अखाड़ा प्रबोध कुमार घिल्डियाल बधाई व आशीर्वाद के पात्र हैं। मां गंगा के आशीर्वाद से वे तरक्की के नए मुकाम तय करेंगे।

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