Dharm

परमात्मा की कृपा से मिलता है संतों के दर्शन का अवसर-पुष्कर सिंह धामी

संत महापुरूषों की उपस्थिति में मनाया गया स्वामी कैलाशानंद गिरी का सन्यास दीक्षा दिवस


ऋषियों द्वारा प्रतिपादित मान्यताएं और विचार ही धर्म हैं-स्वामी राजराजेश्वराश्रम
गुरू ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप हैं-स्वामी कैलाशानंद गिरी
हरिद्वार, 1 जनवरी। श्री पंचायती अखाड़ा निंरजनी के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज का प्रथम सन्यास दीक्षा दिवस संत महापुरूषों के सानिध्य में समारोह पूर्वक मनाया गया। कनखल स्थित जगद्गुरू आश्रम में शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए और स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज सहित सभी संत महापुरूषों का स्वागत अभिनंदन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समाज व राष्ट्र के लिए जीवन समर्पित करने वाले निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज विद्वान संत हैं। उनके सानिध्य में देश व समाज को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि परमात्मा की कृपा से संतों के दर्शन व सानिध्य का अवसर मिलता है। वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें एक ही स्थान पर सभी संतों के दर्शन का अवसर मिला है। संतों के आशीर्वाद से प्रदेश के विकास की योजनाओं को गति मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि संस्कृति की बात हो या अन्य, प्रत्येक क्षेत्र में पताका फहराने का काम प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हो रहा है। शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि ऋषियों द्वारा प्रतिपादित मान्यताएं और विचार ही धर्म हैं और धर्म की स्थापना भारत में ही हुई। भगवान श्रीराम धर्म की प्रतिमूर्ति व आदर्श पुरूष हैं। महात्मा गांधी ने कहा था कि देश में रामराज्य होगा। रामराज्य की स्थापना ही संतों का उद्देश्य है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज को सन्यास दीक्षा दिवस की बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि स्वामी कैलाशानंद संत परंपरा में नए आदर्श स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि सीएम पुष्कर सिंह धामी व स्वामी कैलाशानंद गिरी दोनों उनके शिष्य हैं। दोनों ही अपने कार्यक्षेत्र में विशेष उपलब्ध्यिां हासिल कर रहे हैं। जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि संतों के सानिध्य में पूरी दुनिया में सनातन धर्म की संस्कृति की पताका फहरा रही है। स्वामी कैलाशानंद गिरी संत परंपरा को आगे बढ़ाने में योगदान करेंगे। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि संतों के तप व त्याग से ही देश प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज सनातन धर्म व संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में उल्लेखनीय योगदान करेंगे। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी, युगपुरूष स्वामी परमानंद एवं स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि भारतीय संस्कृति बड़ी विलक्षण है और सन्यास ही मुक्ति है। आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरू ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप हैं। गुरूदेव के आर्शीवाद व उनके दिखाए मार्ग पर चलकर ही सफलता प्राप्त की जा सकती है। वे सौभाग्यशाली हैं कि गुरू के रूप में उन्हें शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज का आशीर्वाद व सानिध्य प्राप्त हो रहा है। इस अवसर पर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने जन्म दिवस के स्थान पर प्रतिवर्ष सन्यास दीक्षा दिवस मनाने की घोषणा भी की। समारोह में कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी, स्वामी हरिचेतनानन्द, महन्त प्रेम गिरि महाराज, स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, स्वामी विज्ञानानन्द महाराज, संघ नेता पदम सिंह, सतपाल ब्रह्मचारी महाराज, महंत देवानन्द सरस्वती, गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, शिवालिकनगर नगर पालिका के अध्यक्ष राजीव शर्मा, स्वामी ललितानंद गिरी, महंत कमलदास, स्वामी ज्योर्तिमयानन्द, स्वामी आनन्द चैतन्य, श्रीमहंत रामरतन गिरी, महंत महेश पुरी, भाजपा जिला अध्यक्ष डा.जयपाल सिंह चैहान, महामंत्री विकास तिवारी, जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. योगेन्द्र सिंह रावत, एसडीएम पूरण सिंह राणा, सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह आदि सहित अनेक संत महापुुरूष तथा गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *